शहीद शशिकांत को शहरवासियों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई, सात साल की बेटी ने किया सैल्यूट
Unnao News, उन्नाव। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान शशिकांत तिवारी का देर रात पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही आंसुओं का बांध टूट पड़ा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए टकटकी लगाए परिजन ताबूत से चिपट कर बिलख पड़े। पत्नी, बच्चों के साथ मां और भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल रहा। वहीं, सड़कों पर खड़े लोगों में हर किसी की आंखें नम थीं और मन शहादत को सलाम कर रहा था। सात साल की बेटी अक्षिता और पंद्रह साल के बेटे देवांश ने पिता के पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया तो हर कोई फफक पड़ा।
सेना के वाहन से पहुंचा शहीद शशिकांत का पार्थिव शरीर
सोमवार रात शशिकांत के शहीद होने की खबर मिलने के बाद से घर पर लोगों का तांता लगा था। अधिकारियों ने रात 10 बजे तक पार्थिव आने की संभावना जताई तो भीड़ में मौजूद लोग अंतिम दर्शन के लिए घर से सड़क पर टकटकी लगा खड़े रहे। रात 10.40 बजे सेना का वाहन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचा तो भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। सदर विधायक पंकज गुप्ता, डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय, एसपी एमपी वर्मा, एएसपी विनोद कुमार पांडेय और सीओ सिटी ने ताबूत को कंधा देकर दरवाजे तक पहुंचाया। जैसे ही ताबूत घर के दरवाजे पर रखा गया लाल के इंतजार में 28 घंटे से तड़प रही, मां सुधा तिवारी और पत्नी अनीता ताबूत से चिपटकर रोने लगी।
विधायक ने उप मुख्यमंत्री से कराई पत्नी की बात
शहीद की अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, क्षेत्रीय सांसद साक्षी महाराज ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं, शहर के लाल के शहीद होने की जानकारी पर दिल्ली में मौजूद सदर विधायक पंकज गुप्त मंगलवार रात पार्थिव आने से कुछ देर पहले शहीद के घर पहुंचे। यहां पत्नी ने मुख्यमंत्री के आने की मांग रखी तो सदर विधायक ने फोन पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से उनकी बात कराई। पत्नी अनीता के अनुसार उप मुख्यमंत्री ने उसे जल्द ही घर आने का भरोसा दिया है।
25 लाख रुपए का आर्थिक मदद की घोषणा
डीएम देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शासन की ओर से 25 लाख रुपए की सहायता देना की घोषणा की है। मौजूद जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने कहा कि दुख की घड़ी में शासन प्रशासन शहीद परिवार के साथ है। विधानसभा अध्यक्ष व सांसद ने परिजनों को मदद का भरोसा दिलाया। मंगलवार को भी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का देर रात तक तांता लगा रहा।