RTI में खुलासा, हाईकोर्ट का फैसला और यूपी बोर्ड की छात्रा टॉप-10 में शामिल
उन्नाव। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद यूपी बोर्ड की छात्रा को न्याय मिला जब हाईकोर्ट के आदेश के बाद छात्रा की कॉपी का पुनर्मूल्यांकन हुआ और उसे प्रदेश के टॉप-10 सूची में सातवां स्थान मिला। पुनर्मूल्यांकन में छात्रा को टॉप 10 में शामिल होने से कॉलेज के साथ परिवारीजनों में भी खुशी का माहौल है। इस संबंध में बातचीत के दौरान छात्रा ने बताया कि वह सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों से भी अपील की कि मूल्यांकन के वक्त व छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करें। दरअसल छात्रा के दो विषय संस्कृत व सामाजिक विज्ञान की कॉपी का पुनर्मूल्यांकन के बाद टॉप टेन में शामिल होने का मौका मिला।
मामला उन्नाव के बिहार इलाके के त्रिवेणी काशी इंटर कॉलेज का है। हाई स्कूल बोर्ड 2018 के रिजल्ट में त्रिवेणी इंटर कॉलेज की छात्रा रिद्धिमा शुक्ला को 600 में 554 अंक मिले थे। संस्कृत में अपेक्षा के मुताबिक नंबर नहीं मिले थे। जिसके बाद रिद्धिमा शुक्ला ने आरटीआई के माध्यम से कॉपी देखने की मांग की। कॉपी देखने के दौरान रिद्धिमा शुक्ला ने देखा कि उसकी संस्कृत की कॉपी पूरी नहीं जांची गई है। यह देख वह अचंभे में पड़ गई और उसने बोर्ड के अधिकारियों से पुनर्मूल्यांकन कर रिजल्ट संशोधित देने की मांग की। लेकिन बोर्ड के अधिकारियों ने उसकी मांग अनसुनी कर दी।
हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
रिद्धिमा शुक्ला के पिता आशीष कुमार शुक्ला ने हाईकोर्ट में वाद दायर करते हुए न्याय की गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने आशीष कुमार शुक्ला की शिकायत पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुए बोर्ड को निर्देशित किया कि रिद्धिमा शुक्ला की संस्कृत कॉपी का पुनर्मूल्यांकन कर नया रिजल्ट जारी करें। इसके साथ ही उन्होंने मूल्यांकन कार्य करने वाले शिक्षकों को 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इस संबंध में बातचीत करने पर रिद्धिमा शुक्ला ने कहा कि आरटीआई से लेकर हाईकोर्ट का सफर तय करने के बाद उन्हें संस्कृत में 7 नंबर बड़े हैं। वहीं सामाजिक विषय में दो नंबर बढ़े। इस प्रकार उसके कुल नंबर 563 हो गया और रिद्धिमा शुक्ला प्रदेश की टॉप टेन सूची में सातवें स्थान पर आ गई।
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