मोहब्बत की मिसाल : जब इंजीनियर को मिला बचपन का प्यार तो थाम लिया 4 फीट की निकिता का हाथ
उज्जैन। इन दिनों दुनियाभर में लोग वैलेंटाइन वीक मना रहे हैं। प्रेमी जोड़े एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं। प्रेम के इस मौसम में जानिए एक ऐसी लव स्टोरी के बारे में जो मोहब्बत की मिसाल है। इसमें बचपन की यादें और मुलाकातें हैं। एक-दूसरे से बिछड़कर फिर से मिलना है। अब हमेशा-हमेशा के लिए हमसफर बनना है।
एक साथ पढ़ते थे दुर्गेश और निकिता
यह लव स्टोरी मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी 25 वर्षीय दुर्गेश और 29 वर्षीय निकिता की है। दुर्गेश और निकिता स्कूल में एक साथ पढ़ते थे। दोनों एक-दूसरे को पसंद भी करते थे, मगर दोनों में से कोई भी अपने दिल की बात कह नहीं सका। फिर स्कूल पूरी हो जाने पर कॉलेज की पढ़ाई के सिलसिले में बिछड़ गए, लेकिन दिल से एक-दूसरे को चाहते थे।
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विवाह परिचय सम्मेलन में मिला वर्षों पुराना प्यार
स्कूल के बाद से निकिता और दुर्गेश भले ही एक-दूसरे को मन ही मन चाहते थे, मगर ना बात हुई ना मुलाकात। कॉलेज पूरी करके दोनों अपना-अपना कॅरियर बनाने में लग। बुधवार को उज्जैन के विक्रम कीर्ति मंदिर में युवक युवती परिचय सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें निकिता और दुर्गेश भी आए। इस बात से दोनों ही अनजान थे, मगर एक-दूसरे को देखा तो बचपन और स्कूल के दिनों की यादें ताजा हो गई।
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दुर्गेश इंजीनियर, निकिता इंदौर नगर निगम में कार्यरत
उज्जैन में आयोजित युवक-युवती परिचय सम्मेलन में निकिता और दुर्गेश ने एक-दूसरे को जीवनसाथी चुना। मार्च में होने वाले विवाह सम्मेलन में शादी करेंगे। बता दें कि दुर्गेश मकैनिकल इंजीनियर है जबकि निकिता इंदौर नगर निगम में कार्यरत है। निकिता (अस्थिबाधित बौनापन) दिव्यांग हैं। दुर्गेश सामान्य है। परिचय सम्मेलन में यह जोड़ा देख हर कोई बोला कि सच्चा प्रेम के सामने दिव्यांगता कोई मायने नहीं रखती।
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