Yogen Shah : जो शख्स कभी खुद के पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था वो अब पैदल नाप रहा दुनिया
उदयपुर। जिंदगी में परेशानियों से जूझ रहे हो। किसी बीमारी से लड़ नहीं पा रहे हो। हार मान चुके हो। नकारात्मक बातों से घिर चुके हो तो एक बार योगेन शाह की जिंदगी को जरूर देख लो। यहां जीने की नई राह दिखेगी। मुश्किल हालात से पार पाने की हिम्मत मिलेगी।
12 साल कैंसर से जंग
योगेन शाह वो शख्स है, जिन्हें कैंसर ने जकड़ लिया था। 12 साल तक हौसला रखा। हिम्मत से काम लिया। शायद यही वजह है कि जो योगेन कभी खुद के पैरों पर ठीक से खड़ा नहीं हो पाता था। महज 50 कदम चलने की कोशिश करने पर भी लड़खड़ाकर गिर जाता था। वो ही योगेन अब दुनिया नापने चला है। वो भी पैदल।
वड़ोदरा के रहने वाले हैं योगेन
योगेन शाह गुजरात के वड़ोदरा के रहने वाले हैं। वर्ष 2002 में ये यूके में थे। तब इन्हें कैंसर हो गया था। आंक्यालोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस बीमारी को इन्होंने छह साल यूके में इलाज करवाया, मगर ना दवा लगी। ना दुआओं का असर हुआ। फिर छह साल भारत में इलाज करवाया। यहां डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए। बस जिंदगी दवाओं के भरोसे चल रही थी। फिर से ठीक हो जाने की उम्मीद डॉक्टर भले ही छोड़ चुके थे, मगर योगेन शाह ने हार नहीं मानी।
ऐसे मात दी कैंसर को
डॉक्टरों से इलाज करवाने के बाद भी बीमारी ठीक नहीं हुई तो योगेन ने योगा, प्राणायाम शुरू किया। प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स आदि बिल्कुल बंद किया। उबला खाना और कच्चा खाना शुरू किया। धीरे-धीरे साइकलिंग, स्वीमिंग, मेडिटेशन भी करने लगे। दवाइयां खानी कम कर दी। सालभर में ही नतीजा यह रहा कि दवाइयां पूरी तरह से बंद कर दी और कैंसर से जंग जीत गए। यही संदेश देने के लिए अब योगेन शाह दुनिया को पैदल नाप रहे हैं।
40 हजार किलोमीटर का सफर तय करेंगे
अपनी पैदल यात्रा के पहले चरण में योगेन शाह गुरुवार को राजस्थान के उदयपुर शहर पहुंचे। यहां मीडिया से बातचीत में शाह ने बताया कि उन्होंने पैदल यात्रा 15 जून से शुरू की थी। पहले चरण 1500 किलोमीटर की यात्रा करेंगे, जिसमें वड़ोदरा से दिल्ली और चंडीगढ़ तक का सफर तय करेंगे। योगेन प्रतिदिन 25 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। कुल 40 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा करेंगे, जो 5 साल में पूरी होगी।