उदयपुर पुलिस कांस्टेबल मालीराम चौधरी को वेतन मिला 42.42 लाख का, सम्पत्ति ऐसे बनाई 2.66 करोड़ की
उदयपुर। राजस्थान पुलिस का कांस्टेबल मालीराम चौधरी फिर चर्चा में है। इसकी सम्पत्तियों को लेकर पूरा पुलिस महकमा हैरान है। 18 साल की नौकरी में 42.42 लाख का वेतन पाने वाले इस कांस्टेबल 2.66 करोड़ की सम्पत्ति बना ली। फिलहाल मालीराम चौधरी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के शिकंजे में है।
5 सितंबर को ट्रेप हुआ मालीराम
उदयपुर जिले के गोगुंदा पुलिस थाने में तैनात फुलेरा जयपुर निवासी हैड कांस्टेबल मालीराम चौधरी सबसे पहले उस समय चर्चा में आया जब 5 सितंबर 2019 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने इसे 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। ट्रेप किए जाने के बाद से मालीराम चौधरी की सम्पत्तियों की जांच में जुटी एसीबी ने अब इसके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया गया है।
2001 में भर्ती हुआ था मालीराम
एसीबी सूत्रों के अनुसार 7 नवंबर 2001 राजस्थान पुलिस में भर्ती हुए मालीराम चौधरी ने वर्ष 2019 तक करीब 18 साल में जिस भी पुलिन थाने में तैनात रहा। वहां जमीनें हड़पी। उदयपुर और राजसमंद जिले के 20 से ज्यादा गांव-कस्बों में नामी और बेनामी सम्पत्ति बनाई, जो करीब ढाई करोड़ से ज्यादा की हैं। इसकी सबसे सम्पत्ति ज्यादा भुवाणा क्षेत्र में पाई गई है।
मकान पर खर्च किए 30 लाख
एसीबी ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि आरोपी हैड कांस्टेबल मालीराम ने अपने पद-अधिकाराें का दुरुपयाेग कर अनुसूचित जनजाति के अनपढ़-गरीब लोगों काे डरा-धमकाकर उनके खेत-जमीनों के विक्रय इकरार किए। उन्हें मामूली रकम देकर अपने और अपने विश्वासपात्र लोगों के नाम से बेनामी संपत्तियां खरीदीं। उदयपुर में न्यू केशव नगर स्थित मकान के निर्माण पर 30 लाख रुपए खर्च किए। इसी मकान से एसीबी टीम को कृषि भूमि और भूखंडाें के दस्तावेज मिले थे।
ऐसे पकड़ा गया था घूसखोर मालीराम
गाेगुंदा निवासी जीवन सिंह ने एसीबी में शिकायत दी थी कि गांव की भम्मा बाई और किरण सिंह के बीच जमीन विवाद के झगड़े में राजीनामे के लिए हैड कांंस्टेबल मालीराम चौधरी ने 15 हजार रु. मांगे थे। वह 4 हजार रुपए ले चुका था और शेष 11 हजार रुपए लेते हुए पिछले साल 5 सितंबर काे पकड़ा गया था।
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