Happy Janmashtami : भगवान श्रीकृष्ण का वो मंदिर, जहां जन्माष्टमी पर दी जाती है 21 तोपों की सलामी
राजसमंद। देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास छाया हुआ है। जगह-जगह भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी 2020 के मौके पर जानिए राजस्थान के एक ऐसे कृष्ण मंदिर के बारे में, जहां 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा राजसमंद राजस्थान
राजस्थान के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। श्रीनाथजी वैष्णव सम्पप्रदाय के केंद्रीय पीठासीन देव हैं, जिन्हें पुष्टिमार्ग या वल्लभाचार्य की ओर से स्थापित वल्लभ सम्पप्रदाय के रूप में जाना जाता है।
पहले मथुरा में हुआ करती थी यह मूर्ति
श्रीनाथ जी की मूर्ति पहले मथुरा के निकट गोकुल में स्थित थी, परंतु जब मुस्लिम शासक औरंगजेब हिंदू मंदिर तोड़ते हुए मथुरा की ओर बढ़ा तो वल्लभ गोस्वामी जी इसे राजपूताना यानी राजस्थान ले आए थे। राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में जिस स्थान पर मूर्ति की पुन: स्थापना हुई। उस स्थान का ही वर्तमान में नाथद्वारा कहा जाता है। आराध्य देव श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी के दिन सुबह मंगला झांकी के बाद परम्परानुसार श्रीजी बावा को पंचामृत स्नान करवाया जाता है।
इस बार नहीं होंगे ज्यादा धार्मिक आयोजन
दर्शन लाभ के लिए सैकड़ों भक्त यहां पहुंचते हैं। वहीं कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर रात को 12 बजे 21 तोपों की सलामी के साथ जन्मोत्सव मनाया जाता है। दूसरे दिन नंदमहोत्सव के तहत श्रीजी बावा के सम्मुख केसर हल्दी युक्त दही की होली खेली जाती है। इस बार कोरोना महामारी के चलते नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में जन्मोत्सव पर विशेष धार्मिक आयोजन नहीं होंगे, लेकिन 21 तोपों की सलामी जरूरी दी जाएगी।
अष्टमी पर दर्शन नहीं होने की पीड़ा
नाथद्वारा के चित्रकार समाज के मुखिया परमानंद शर्मा कहते हैं कि मैं वर्षों से श्रीनाथजी मंदिर की परंपराओं से जुड़ा हुआ है। श्रीजी के दर्शन मात्र से कल्याण हो जाता है। यहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटता है। इस बार अष्टमी पर दर्शन नहीं होने की पीड़ा है।