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शहीद परवेज काठात की आखिरी बात-'पापा आप चिंता मत करना, मैं अब कॉल नहीं कर पाऊंगा'

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Rajasamand News, राजसमंद। जम्मू कश्मीर में पाक की ओर से की गई फायरिंग में गुरुवार तड़के राजस्थान के राजसमंद जिले की भीम तहसील के गांव शेखावास निवासी परवेज काठात शहीद हो गए। उनकी शहादत की सूचना पर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

Rajasthan Shaheed parvez Kathats Last Taking with Father

शहीद परवेज काठात के पिता मांगू काठात ने शुक्रवार को मीडिया से बाचतीत में बेटे से हुई आखिरी बातों का जिक्र किया तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। मांगू काठात ने बताया कि बेटा परवेज काठात डेढ़ माह पहले ही घर आया था। तब यहां 25 दिन रहकर ड्यूटी पर लौटा था।

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परसो ही उससे बात हुई थी तो परवेज ने बताया कि वह अब पोस्ट पर जा रहा है, जो न केवल ऊँचाई पर है बल्कि पहाड़ी व बर्फीली जगह पर है। वहां पर मोबाइल का नेटवर्क कम आता है। ऐसे में एक-दो सप्ताहभर तक बात नहीं हो पाए तो आप चिंता मत करना। मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं कॉल कर लूंगा। घर पर सबको बता देना।

Rajasthan Shaheed parvez Kathats Last Taking with Father

मांगू काठात बोले कि बेटे की शहादत पर दुख है कि मैंने कलेजे का टुकड़ा खो दिया, मगर बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। इसका बात का मुझे और मेरे परिवार को गर्व है। मेरा बेटा देश के दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देते हुए कुर्बान हुआ है।

मगरा क्षेत्र का 25वां शहीद है मेरा भाई

शहीद परवेज के भाई ने बताया कि मैं अपने भाई के सबसे करीब था। हम दोनों का बचपन साथ बीता और पढ़ाई भी साथ-साथ पूरी की। वह भारतीय सेना में जाकर देश की रक्षा करने का ख्वाब देखा करता था। उसका यह ख्वाब 2009 में पूरा हुआ और अब वे शहीद हो गए। मुझे मेरे भाई की शहादत पर गर्व है। हमारा पूरा मगरा क्षेत्र देश​भक्ति की मिसाल है। अब तक यहां के 25 बेटे देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं।

Rajasthan Shaheed parvez Kathats Last Taking with Father

29 की उम्र में हुए शहीद

बता दें कि परवेज काठात का जन्म शेखावास में 7 जनवरी 1990 को हुआ था। उन्होंने 16 नवम्बर 2009 को इंडियन आर्मी ज्वाइन की। परवेज के पिता फौज से रिटायर हो चुके हैं। वर्तमान में इनका पिता व भाई फौज में सेवाएं दे रहे हैं। पांच साल पहले इनकी शादी हुई थी। एक बेटा व एक बेटी है।

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English summary
Rajasthan Shaheed parvez Kathat's Last Taking with Father
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