दक्षिण अफ्रीका से आए शव को पुलिस थाने ले जाकर परिजनों ने मांगे 35 लाख रुपए
Udaipur News , उदयपुर। राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में मौताणे की प्रथा वर्तमान में भी कायम है। इसका असर शुक्रवार को एक पुलिस थाने में भी देखने को मिला है।
जानकारी के अनुसार उदयपुर निवासी नाथूलाल का बेटा अर्जुन लाल दक्षिण अफ्रीका में काम करता था। वहां उसकी मौत हो गई है। शुक्रवार को उसका शव दक्षिण अफ्रीका से उदयपुर पहुंचा। यहां से एम्बुलेंस में रखकर शव को दाह संस्कार के लिए उसके पैतृक गांव ले जाना था, मगर परिजन शव को गांव ले जाने की बजाय सवीना पुलिस थाना ले गए और वहां पर मौत के बदले 35 लाख रुपए के मौताणे की मांग करने लगे।
मृतक अर्जुन के पिता नाथूलाल ने बताया कि उसके सात बेटे हैं, जिनमें से एक गुंगा बहरा है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी अर्जुन के कंधों पर थी। अब अर्जुन की मौत की वजह से उसके परिवार का जीवन यापन कर पाना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए उसके परिवार को 35 लाख रुपए का मौताणा दिया जाना चाहिए। अर्जुन लाल जिस कम्पनी में काम करता था उस कम्पनी से मौताणा दिलवाने की मांग पर परिजनों का करीब आठ घंटे से पुलिस थाने में धरना प्रदर्शन जारी रहा।
जानिए क्या है मौताणा
राजस्थान
के
उदयपुर,
बांसवाड़ा,
डूंगरपुर
आदि
जिले
आदिवासी
बाहुल्य
है।
आदिवासियों
में
मौताणा
की
कुप्रथा
वर्षों
से
चली
आ
रही
है।
इसका
मतलब
ये
है
कि
किसी
अन्य
व्यक्ति
की
लापरवाही
के
कारण
मौत
हो
जाने
पर
पीड़ित
परिवार
की
ओर
से
एक
निश्चित
राशि
की
मांग
की
जाती
है,
जिसे
मौताणा
कहा
जाता
है।
हालांकि
मौताणे
को
लेकर
अक्सर
विवाद
की
स्थिति
पैदा
होती
है।
कानून
व्यवस्था
तक
बिगड़ने
की
आशंका
बनी
रहती
है।