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उदयपुर : ईडाणा माता मंदिर में देवी मां खुद करती हैं अग्निस्नान, आग लगना व बुझना बना रहस्य

By कपिल श्रीमाली
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उदयपुर। क्या आपने कभी किसी देवी की प्रतिमा को अग्निस्नान करते हुए देखा है? सुनने में भले ही यह किसी मैथोलोजिकल फिल्म की कहानी सा लगता है, लेकिन यह सत्य है। राजस्थान के उदयपुर जिले के बम्बोरा गांव में इडाणा माताजी की विशाल प्राक्रतिक प्रतिमा स्वयं अग्निस्नान करती है, जो भी भक्त अग्निस्नान के दर्शन कर लेता है तो वो अपने आप को धन्य समझता है। यह अंधविश्वास है या चमत्कार। वन इंडिया हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Navratri 2020: Udaipur का Idana Mata Temple, जहां देवी करती हैं अग्निस्नान | वनइंडिया हिंदी
अपने आप लगती है आग

अपने आप लगती है आग

राजस्थान की लेकसिटी उदयपुर जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर स्थित गांव बम्बोरा में देवी मां के प्रसिद्ध शक्ति पीठ है, जिसे इडाणा माताजी धाम के नाम से जाना जाता है। दावा किया जा रहा है कि हजारों साल पुरानी श्री शक्ति पीठ इडाणा माता मंदिर में अग्निस्नान की परम्परा है। यहां कभी भी आग लग जाती है और अपने आप बुझ जाती है।

 राजा रजवाड़ों की हैं कुलदेवी

राजा रजवाड़ों की हैं कुलदेवी

इडाणा माता को स्थानीय राजा रजवाड़े अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते आए है। माता के इस मंदिर में श्रद्धालु चढ़ावे में लच्छा चुनरी और त्रिशूल लाते हैं। मंदिर में कोई पुजारी नहीं है। यहा सभी लोग देवी मां के सेवक हैं। यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं और जो भी आता है वह देवी मां का सेवक बन जाता है।

 लकवे का भी होता है यहां इलाज

लकवे का भी होता है यहां इलाज

माता के मंदिर में लकवे का इलाज भी होता है। कहते हैं कि अगर कोई लकवाग्रस्त व्यक्ति यहां आता है तो वह यहां से स्वस्थ्य होकर लौटता है। देवी इडाणा मां का यह मंदिर अलौकिक अग्निस्नान के लिए पूरे देश में प्रसिद्धि पा चुका है। देवी मां का यह अग्निस्नान इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यहां जब भी देवी माँ प्रसन्न होती है तो स्वतः ही आग की लपते उठने लगती है।

 प्रतिमा व चुनरी आग में रहती है सही सलामत

प्रतिमा व चुनरी आग में रहती है सही सलामत

कहा जाता हैं कि जब देवी मां पर चुनरी, लच्छा, नारियल का भार बढ जाता हैं तो वे स्वयं अग्निस्नान कर भक्तों को अपने अलौकिक स्वरूप का दर्शन देती है। इडाणा माता मंदिर के सेवक बताते हैं कि आश्चर्यजनक बात अग्निस्नान के दौरान मंदिर में रखा पूरा सामान जल जाता है, लेकिन मंदिर में माता की प्रतिमा और उस पर एक चुनरी आग में भी सही सलामत रहती है। मंदिर में आग कैसे लगती है और कैसे बुझती है, यह कोई नहीं जानता। इसी वजह से श्रद्धालुओं की मंदिर पर आस्था अटूट है। वो इस घटना को चमत्कार कहते हैं।

कैसे पहुंचे इडाणा माता मंदिर?

कैसे पहुंचे इडाणा माता मंदिर?

उदयपुर शहर से 60 किमी. दूर कुराबड-बम्बोरा मार्ग पर मेवाड़ का प्रमुख शक्तिपीठ ईडाणा माता मंदिर है। कुराबड तक आपको बस मिल जाती है। अपने वाहन से भी यहां आया जा सकता है। इस मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है और एकदम खुले चौक में स्थित है, यह मंदिर उदयपुर मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध है।

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English summary
Idana Mata Temple Udaipur Rajasthan, Know Idana Shakti Peeth about firebath
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