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गणेशी मेघवाल को मिला यूएन का मंच, दुनिया को बताएगी बाल विवाह को ठुकराकर कैसी हुई कामयाब

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उदयपुर। राजस्थान की गणेशी मेघवाल केन्या की राजधानी नैरोबी में 12-14 नवम्बर तक प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख संगठन यूएनएफपीए के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने जीवन के संघर्ष और सफलता की कहानी दुनियाभर को सुनाएगी। यूएन के मंच तक पहुंचने वाली गणेशी मेघवाल मूलरूप से राजस्थान के उदयपुर जिले की सायरा तहसील क्षेत्र के पिछड़े इलाके ओड़ों का गुड़ा (पानेर) की रहने वाली है। महज 15 साल की उम्र में गणेशी के हाथ पीळे कर दिए गए थे। बाल विवाह के चलते गणेशी की आठवीं के बाद की पढ़ाई छूट गई।

Ganeshi Meghwal

दोगुने उम्र के युवक से शादी

खुद से लगभग दोगुनी उम्र के पति का हिंसक बर्ताव देखकर गणेशी को यह समझने में देर नहीं लगी कि अब आगे का जीवन उसके साथ कटना आसान न होगा। लिहाजा, उसने अपने जज्बातों का कत्ल होते देखने की बजाय खुद का फैसला करने की ठानी। बाल-विवाह की बदकिस्मती को उसने कुछ ही वक्त बाद ठुकरा दिया और पिता के घर चली आई।

Ganeshi Meghwal Udaipur Rajasthan

इलेक्ट्रिशियन बनना किया तय

बाल विवाह को अस्वीकार करके पिता के घर आने के बाद गणेशी एक एनजीओ के कौशल विकास कार्यक्रम से जुड़ गई। ब्यूटी पार्लर और सिलाई जैसे परम्परागत कौशल को चुनने की बजाय आमतौर पर पुरुषों के एकाधिकार वाले इलेक्ट्रिशियन का काम सीखा। उसने एलइडी बल्लब एसेम्बल करने का हुनर निखारकर जिन्दगी का अंधेरा दूर करने की ओर कदम बढ़ा दिए। न केवल गणेशी, बल्कि गांव की करीब एक दर्जन हमउम्र बालिकाओं को भी यह काम सिखाकर रोजगार से जोड़ा।

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हर माह छह से सात हजार की कमाई

गणेशी बताती है वह इलेक्ट्रिशियन का कार्य तो करती ही है। होल्डर, कैप, प्लेट, एलइडी, होसिंग और अन्य पाटर्स की ऑनलाइन शॉपिंग करके बल्ब एसेम्बल करती है। छह-सात हजार रुपए मासिक कमा लेती है। लोगों को घर का बिजली बिल कम करने के लिए एलइडी बल्ब इस्तेमाल के लिए प्रेरित करती है। उसके साथ जुड़ीं और किशोरियां भी तीन से साढ़े तीन हजार रुपए का मुनाफा कमा रही हैं।

राजस्थान में यूथ आइकॉन है गणेशी

जतन संस्थान के निदेशक कैलाश बृजवासी बताते हैं कि आदिवासी क्षेत्र में गणेशी मेघवाल यूथ आइकॉन बनकर उभर रही है। वह दो साल से आंगनबाड़ी परियोजना से जुड़ी है। बस्तियों में जाकर महिलाओं, खासकर किशोरियों के मासिक धर्म, स्वच्छता और सेहत से जुड़े मुद्दों पर भी काम कर रही है। शर्म और हिचकिचाहट के दायरे से बाहर नहीं आ पा रहीं बालिकाओं को वह प्रेरित करती है।

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English summary
Ganeshi Meghwal Udaipur Rajasthan World will listen her story from UN Forum
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