ओसामा बिन लादेन को मार गिराने वाले चिनूक हेलीकॉप्टर उदयपुर में उतरे, वजह गर्व करने लायक
उदयपुर। अमेरिका में हुए 9/11 के हमले के लिए जिम्मेदार और दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का खात्मा करने वाले चिनूक हेलीकॉप्टर राजस्थान के उदयपुर में पहुंचे हैं। वजह यह है कि सबसे बेहतरीन हेलीकॉप्टर में शुमार चिनूक को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। हेलीकॉप्टर का नाम अमरीकी मूल निवासी चिनूक से लिया गया है।
अमेरिका से 8048 करोड़ रुपए का करार
बता दें कि भारतीय वायुसेना को मजबूती प्रदान करने के लिए भारत ने सितम्बर 2015 में अमरीकी कम्पनी बोइंग के साथ 15 सीएच 47 एफ चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 8048 करोड़ रुपए का करार किया था। वायुसेना के बेड़े में शामिल हुआ चिनूक ऐसा पहला अमरीकी हेलीकॉप्टर है, जो बहुत अधिक वजन उठाने में सक्षम है।
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डबोक एयरपोर्ट पर उतरे दो चिनूक
मंगलवार सुबह राजस्थान के उदयपुर में डबोक स्थित महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर दो चिनूक पहुंचे। ये चिनूक अमरीका से गुजरात के मुंदरा पोर्ट पहुंच रहे हैं, वहां से इन हेलीकॉप्टर्स को चंडीगढ़ के लिए उड़ना होता है, लेकिन रीफिलिंग के लिए इन हेलीकॉप्टर्स को उदयपुर उतारा जा रहा है। यहां रीफिलिंग होने के बाद ये हेलीकॉप्टर्स कुछ देर में जयपुर के लिए उड़ान भरते हैं और वहां से चंडीगढ़ के लिए उड़ान भरते हैं।
उदयपुर से चंडीगढ़ के लिए भरी उड़ान
बता दें कि अमरीका, जापान, आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड जैसे करीब 25 देश अमरीका द्वारा निर्मित चिनूक हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। चिनूक की शुरुआत करीब छह दशक पहले 1957 में हुई थी। 1962 में इसे अमरीकी सेना में शामिल किया गया। महाराणा प्रताप एयरपोर्ट, डबोक के ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव रामस्वरूप चौधरी ने बताया कि अब तक उदयपुर एयरपोर्ट पर रीफिलिंग के लिए कई बार चिनूक उतर चुके हैं। इन्हें यहां से जयपुर होते हुए चंडीगढ़ ले जाया जाता है।