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Google मैप्स में कोच्चि के पास समुद्र में दिखा 'अंडरवॉटर आइलैंड', अब वैज्ञानिक करेंगे जांच

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कोच्चि, जून 18: केरल के कोच्चि के पश्चिमी तट से थोड़ी दूरी पर अरब सागर में बीन के आकार के 'अंडरवॉटर आइलैंड' को गूगल मैप्स सैटेलाइट इमेजरी पर देखा गया है, जिसने कई लोगों को हैरान कर दिया है। हालांकि आइलैंड जैसा दिखने वाला यह पश्चिम कोच्चि के आकार का लगभग आधा प्रतीत होता है। वहीं समुद्र में कोई भी 'दृश्यमान' संरचना नहीं देखी गई है। इससे हैरान होकर विशेषज्ञ अब इसे पानी के नीचे की संरचना मान रहे हैं। वहीं केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज (KUFOS) के अधिकारी इसकी जांच करने की योजना बना रहे हैं।

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Google Maps में Kochi के पास दिखा Arabian Sea में दिखा Underwater Island | वनइंडिया हिंदी
कोच्चि के पास 'अंडरवॉटर आइलैंड'

कोच्चि के पास 'अंडरवॉटर आइलैंड'

द न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब 'द्वीप' को लेकर विशेषज्ञों सहित कई लोगों की रुचि जग गई है। वहीं कोच्चि के पास अरब सागर में दिख रहे पानी के नीचे की संरचना को 'अंडरवॉटर आइलैंड' मान रहे है, क्योंकि समुद्र में ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है। यह मामला केयूएफओएस के अधिकारियों के ध्यान में तब आया, जब एक संगठन चेलनम कार्शिका टूरिज्म डेवलपमेंट सोसाइटी ने अधिकारियों को एक पत्र लिखा। इस महीने की शुरुआत में एक फेसबुक पोस्ट में संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट केएक्स जुलप्पन ने अरब सागर में 'द्वीप' के गठन को दिखाते हुए Google मैप्स का स्क्रीनशॉट शेयर किए, जो कोच्चि तट से लगभग सात किमी पश्चिम में प्रतीत होता है। नक्शे के अनुसार उन्होंने दावा किया कि इसकी की लंबाई 8 किमी और चौड़ाई 3.5 किमी है।

पानी के नीचे के द्वीप जैसा क्या है?

पानी के नीचे के द्वीप जैसा क्या है?

रिपोर्ट के मुताबिक केयूएफओएस के कुलपति के रिजी जॉन ने कहा कि संस्था इस घटना को उजागर करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। गूगल मैप्स को देखते हुए, यह किसी भी अन्य पानी के नीचे के द्वीप जैसा दिखता है, जिसे हम दुनिया भर में देखते हैं। इसी तरह के अवलोकन हुए हैं और इसके लिए एक विशिष्ट आकार भी है। लेकिन हम नहीं जानते कि यह किस चीज से बना है। चाहे वह रेत हो या मिट्टी और क्या इसे नियमित रूप से वितरित किया जाता है। यह तो हम जांच से ही पता लगा सकते हैं। उसके बाद ही हम इस बारे में कुछ ठोस कह सकते हैं।

हर संभावना की होगी जांच

हर संभावना की होगी जांच

माना जाता है कि पानी के नीचे के दिखने वाला द्वीप की संभावनाओं के बारे में बताते हुए के रिजी जॉन कहते हैं कि मछली पकड़ने वाले समुदाय के सदस्यों ने संदेह जताया है कि क्या यह गठन कोचिन बंदरगाह द्वारा ड्रेजिंग का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमें इस संभावना की भी जांच करनी होगी। आम तौर पर पानी के नीचे की धारा, तटवर्ती बहाव जैसे कारकों के कारण, अभिवृद्धि (तटीय तलछट का तट पर लौटना) या तट का क्षरण जैसी प्रक्रियाएं देखी जाती हैं। केरल में ही दक्षिण क्षेत्र की ओर कटाव की समस्या है, जबकि वाइपेन (एर्नाकुलम जिले में) जैसे क्षेत्रों में किलोमीटर लंबी अभिवृद्धि देखी जाती है। हम ठीक से यह नहीं कह सकते कि क्या यह घटना भी उसी कारण से है।

KUFOS की विशेषज्ञों के साथ होगी मीटिंग

KUFOS की विशेषज्ञों के साथ होगी मीटिंग

कुलपति ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में केयूएफओएस अन्य विशेषज्ञों के साथ बैठक करेगा और अध्ययन करने की संभावनाओं की जांच करेगा। इस बीच चेल्लनम कार्शिका टूरिज्म डेवलपमेंट सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने कहा है कि यह गठन पिछले चार वर्षों से देखा जा रहा था और यह आकार में विस्तार नहीं देखा गया। कई सवालों का अध्ययन करने के लिए इसकी जांच की जाएगी।

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English summary
Google Maps satellite imagery show bean shaped island in Kochi
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