गुजरात: उकाई बांध में 330.12 फीट तक चढ़ा पानी, 11 गेट खोले जाने से सूरत पर बाढ़ का खतरा
सूरत। गुजरात में बीते महीनों से लगातार तेज बारिश हो रही है। जिसकी वजह से राज्य के नदी-नाले, बांध और तालाब पानी से लबालब हैं। राज्य के सारे बांधों में पानी जमा हो गया है। जबकि, कई बांधों में पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है। दक्षिणी गुजरात के उकाई बांध में पानी 330.12 फीट तक भर गया है। जिसके बाद दबाव कम करने के लिए बांध के 11 गेट खोल दिए गए। गेट खुलते ही बांध के निकट सूरत शहर में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया। वहीं, भारी बारिश के चलते उकाई बांध की सतह पर भी जल का दबाव बढ़ रहा है।
सूरत और राजकोट के निकट बांधों का जलस्तर बढ़ा
संवाददाता के अनुसार, वर्तमान में बांध में 6,11,493 क्यूसेक पानी की आवक के मुकाबले 71,174 क्यूसेक पानी का निकास कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अगस्त की शुरूआत वाले 5 दिनों में उकाई डैम के जलस्तर में 20 फीट से भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई। फिलहाल, उकाई डैम की स्थिति पर पूरे दक्षिण गुजरात के किसान के साथ-साथ सूरत शहर के लोगों की भी नजर है। बारिश से पहले कहा जा रहा था कि इस बांध में पानी नहीं भरा तो लोग प्यासे मर जाएंगे। मगर, अब तो बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
न्यारी-2 डेम से 21230 क्युसेक पानी छोड़ा गया
उधर, बारिश के कारण ही राजकोट शहर के कई जलस्रोत भी भर चुके हैं। जिनमें न्यारी-2 डेम ओवरफ्लो होने के कारण उसके 10 दरवाजे 3 फीट तक खोल दिए गए। जिनसे 21230 क्युसेक पानी छोड़ा गया। साथ ही न्यारी-1 समेत न्यारी-2 के पास नीचे के इलाके में स्थित 16 गांवों के हजारों लोगों को स्थानांतरित किया गया। आजी-1 में 2 फिट, और भादर में 1.50 फिट पानी आने से कई क्षेत्रों की जल समस्या कुछ कम हुई।
हाथनूर बांध से 2,52,838 क्यूसेक पानी छोड़ा
महाराष्ट्र में भी भारी बारिश के कारण हाथनूर बांध का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इस बांध में जमा हुए पानी ने उकाई बांध में जलस्तर बढ़ा दिया है। हाथनूर बांध की सतह 211.240 मीटर है और इससे 2,52,838 क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा जा रहा है।