लाॅकडाउन लागू होने के बाद से ही बांट रहे थे खाना, यहां 36 हजार जरूरतमंदों काे भोजन परोस चुका ये परिवार
सूरत। कोरोना-लॉकडाउन के दरम्यान मुश्किल घड़ी में यहां कई ऐसे मददगार लोग और संस्थाएं सामने आई हैं, जो जरूररमंदों को खाने-रहने की व्यवस्था उपलब्ध करा रही हैं। पर्वत पाटिया स्थित वाटिका परिवार कुछ ऐसे ही बंदों का ग्रुप है, जो 61 दिनों से लगातार रोजाना 500 से 600 व्यक्तियों काे खाना खिला रहा है। उनमें से एक शख्स जनार्दन लाटा ने बताया कि, हम देश में लाॅकडाउन लागू होने के तुरंत बाद भूखों के लिए खाना देने लगे।
जनार्दन लाटा ने कहा कि, अब तक 36 हजार जरूरतमंदों काे भोजन परोस चुके हैं। शहर में ही हमने राम रसाेड़ा की स्थापना की थी। जिसमें वाटिका परिवार के लाेग ही आर्थिक सहायता के लिए आगे आए। इसके बाद शहर के जरूरतमंद लाेगाें के लिए भाेजन बनाने और वितरण का काम शुरू हुआ। लॉकडाउन लागू हाेते ही वाटिका टाउनशिप के सदस्यों ने तैयार भोजन को डिंडोली भवानी इंडस्ट्रियल, लैंडमार्क के सामने नीलगिरी नारायण नगर के पास जरूरतमंद व्यक्तियों में वितरण किया। इसके लिए परिवार के लोगों ने अपने हाथों से खाना बनाकर रोज वितरण किया। इस दौरान साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया।
वाटिका टाउनशिप से जुड़े सज्जन महर्षि बोले कि, हमारे रसोईघर के साथ अन्य जगहों काे दिन में 2 बार सेनिटाइज भी किया जाता था। जब समाज के सामने काेई संकट या विपदा सामने खड़ी हाेती है ताे ऐसी मुश्किल घड़ी में कई मददगार भी सामने आते हैं। सूरत में काेराेना महामारी के संकट के समय हमने भी जरूरतमंद लाेगाें की सहायता करना शुरू कर दिया।
गुजरात में रोजगार मिलने पर 200 से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों ने कैंसिल कराई अपनी टिकट