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PM मोदी पर गुजरात में मेहुल चौकसी ने की PHD, 9 साल में पूरा हुआ उनका ये रिसर्च-थीसिस

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सूरत. गुजरात में राजनीति विज्ञान में एमए करने वाले एक छात्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पीएचडी की है। यह छात्र है सूरत शहर में रहने वाला मेहुल चौकसी। मेहुल वर्तमान में एक अधिवक्ता है। करीब 9 साल तक नरेंद्र मोदी के विजन और उनके विकास कार्यों पर अध्ययन किया। जिससे उनका रिसर्च थीसिस तैयार हुआ। जिसे 'लीडरशिप अंडर गवर्नमेंट-केस स्टडी ऑफ नरेंद्र मोदी' नाम दिया है। अपने थीसिस के बारे में ब्यौरा देते हुए मेहुल ने बताया कि रिसर्च के लिए एक सर्वे किया था। जिसमें सरकारी अधिकारियों, किसानों, छात्रों और राजनेताओं समेत 450 लोगों से इंटरव्‍यू लिया। मोदी के बारे में अच्छे से जाना जा सके, इस​लिए नर्मदा साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी (VNSGU) के लोक प्रशासन विभाग में संपर्क किया था। जहां लोक प्रशासन विभाग के प्राध्यापक डॉ. निलेश जोशी के मार्गदर्शन में रिसर्च शुरू हुआ। 19 अप्रैल 2010 को विवि में इसके लिए पंजीकरण करवाया गया। तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे।

मोदी जब सीएम थे, तब पीचडी शुरू की

मोदी जब सीएम थे, तब पीचडी शुरू की

यानी, नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम रहने के दौरान ही मेहुल ने अपने पीएचडी की शुरुआत की थी। उन्‍होंने बताया कि शुरुआती दौर में मोदी के सफल नेतृत्‍व को लेकर मैंने लोगों से सवाल पूछे तो 51 फीसदी का जवाब सकारात्‍मक रहा। वहीं 34.25 फीसदी लोगों ने ना में जवाब दिया। इस दौरान 46.75 फीसदी लोगों ने कहा कि नेताओं को ऐसे फैसले लेने चाहिए जिससे लोगों का भला हो। इससे नेताओं की लोकप्रियता बढ़ती है।

 450 लोगों से सवाल किए, 32 थी उनकी संख्या

450 लोगों से सवाल किए, 32 थी उनकी संख्या

बकौल मेहुल चौकसी, ''हमने जो प्रश्‍नावली तैयारी की, उसमें 32 सवाल थे। उन सवालों पर 450 लोगों से आए जवाबों पर निष्‍कर्ष निकला कि 25 फीसदी लोग मानते हैं कि मोदी के भाषण सबसे ज्‍यादा आकर्षित करते हैं। ज‍बकि 48 फीसदी ने माना कि मोदी की राजनीतिक मार्केटिंग सबसे अच्‍छी है।'

मोदी की ये बातें प्रमुखता से शामिल की गईं

मोदी की ये बातें प्रमुखता से शामिल की गईं

लगभग 9 सालों बाद अब शोधकार्य पूरा हो गया है। जिसमें हमने पीएम मोदी के पहले चुनाव से लेकर प्रधानमंत्री काल तक के सफर को शामिल किया है। मोदी के राजनैतिक सफर के तौर पर खासकर, वर्ष 2002 से लेकर 2012 तक के विधानसभा चुनाव में मोदी की जीत, साल 2014 के आम चुनाव में बड़ी सफलता, उनकी कार्य प्रणाली, आमजन के लिए योजनाएं व उनका क्रियान्वयन और सफलता तक के बिंदुओं को शामिल किया गया। साथ ही मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके 2 बड़े फैसलों नोटबंदी और जीएसटी को भी जोड़ा। जब रिसर्च थीसिस तैयार हुई, तब उसे विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किया। इस तरह पीएचडी की डिग्री प्राप्त हुई।

121 पन्ने पर तैयार की गई

121 पन्ने पर तैयार की गई

'लीडरशिप अंडर गवर्नमेंट-केस स्टडी ऑफ नरेंद्र मोदी' के बारे में मेहुल कहते हैं कि ये थीसिस 121 पन्ने पर तैयार की गई। वीर नर्मदा साउथ यूनिवर्सिटी के आर्ट्स डिपार्टमेंट के शिक्षक नीलेश जोशी के निर्देशन में 9 साल का यह सफर पूरा हुआ। अब मैं एक अधिवक्ता हूं, मगर लोग मुझे ऐसे व्यक्ति के रूप में जान रहे हैं, जिसने पीएम मोदी पर पीएचडी की है।'

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English summary
Surat student Mehul Choksi PhD thesis on PM Modi
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