सुनीता यादव ने बनाया फेसबुक पेज, बोलीं- ‘मैं कुछ सहती हूं तो तबाह करने की ताकत भी रखती हूं’
सूरत। गुजरात में सूरत के वराछा क्षेत्र में स्वास्थ्य राज्यमंत्री कानाणी के बेटे प्रकाश कानाणी के साथ हुए विवाद के बाद से महिला कॉन्स्टेबल सुनीता यादव सुर्खियों में हैं। अब उन्होंने फेसबुक पर अपना ऑफिशियल पेज व ट्विटर हैंडिल शुरू कर लिया है। फेसबुक पेज पर उन्होंने झंडारोहण कर रहे सैनिकों का फोटो लगाया है। ट्विटर हैंडिल पर उन्होंने बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद के संदर्भ में ट्वीट किया।
सहती हूं तो तबाह करने की ताकत भी रखती हूं
सुनीता ने अब फेसबुक पर लिखा है कि ‘कुछ बनना ही हैै तो समंदर बनो, लोगों के पसीने छूटने चाहिए तुम्हारी औकात नापते।' इसके अलावा उन्होंने यह पोस्ट भी किया- ‘यदि सहन करने की हिम्मत रखती हूं तो तबाह करने की ताकत भी रखती हूं।'
..लेकिन खुद भी तोड़ती रही हैं ट्रैफिक रूल्स
सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोग सुनीता की तारीफ कर रहे हैं, वहीं अब सुनीता की भी कुछ बातें ऐसी सामने आ रही हैं, जिनसे उस पर सवाल उठने लगे हैं। बीते शुक्रवार से जहां वह मंत्री व उसके बेटे को कानून-कायदे का पाठ पढ़ाते दिखीं, वहीं सुनीता खुद भी नियम भंग करती रही हैं। सूरत पुलिस के मुताबिक, सुनीता ने खुद पांच बार ट्रैफिक रूल्स का वॉयलेशन किया, लेकिन जुर्माना एक भी बार नहीं भरा।
धमकियां मिल रही हैं, मैं किसी का नाम नहीं ले रही
सुनीता ने अपने फेसबुक अकाउंट पर बीते दिनों एक वीडियो पोस्ट करके कहा कि- "मुझे धमकियां मिल रही हैं। दबाव डाला जा रहा है। घटना के बाद से ही गुमनाम फोन आ रहे हैं। घर पर भी अनजान लोग आते हैं। मैं किसी का नाम नहीं ले रही, लेकिन आप समझ सकते हैं कि ये सब क्यों हो रहा है। मेरे साथ कुछ भी हो सकता है।"
मेरे पास पावर होगी, तो लंबी लड़ाई जीत सकूंगी
सुनीता यह भी बोलीं, "मैं जूनियर हूं, चाहती हूं कि अब आईपीएस बनूं। मेरे पास पावर होगी, तो ये लंबी लड़ाई जीत सकूंगी। इस्तीफा देने के लिए मैंने आॅफिसर्स से कहा था। बुधवार को मैं फिर इस्तीफा देने पुलिस आयुक्त के पास जाऊंगी। ये इस्तीफा मैं डर कर नहीं दे रही। अभी लोकरक्षक हूं, ऐसे में आवाज उतनी नहीं उठ पाती।"
आखिर क्या है यह पूरा मामला, यहां समझिए
सुनीता
सूरत
में
लोक
रक्षक
(कांस्टेबल)
हैं,
लेकिन
इसी
महीने
से
उनका
जब
मंत्री
के
बेटे
से
विवाद
हुआ..
तब
से
वो
इस्तीफा
देने
की
बात
कर
रही
हैं।
वह
कहती
हैं,
"मुझे
अब
आईपीएस
बनना
है।"
दरअसल,
उनका
विवाद
बीती
8
जुलाई
की
रात
को
करीब
साढ़े
9
बजे
शुरू
हुआ
था,
जब
वह
सूरत
के
वराछा
में
ड्यूटी
कर
रही
थीं।
तो
कुछ
युवकों
को
उन्होंने
कर्फ्यू
भंग
करते
हुए
रोका
था।
उन
युवकों
ने
अपने
दोस्त
यानी
कि
मंत्री
के
बेटे
को
फोन
कर
दिया
था।
जिसके
बाद
मंत्री
का
बेटा
अपनी
पिता
की
कार
लेकर
आ
पहुंचा
था।
जिसके
बाद
सुनीता
से
उन
सबकी
बहस
हुई।
तीखी
टिप्पणियां
भी
हुईं।
उस
रात
के
बाद
सुनीता
ने
एक
वीडियो
जारी
किया,
बोलीं
कि,
"अगर
तब
साथी
मेरे
साथ
न
होते
तो
मेरे
साथ
दिल्ली
जैसा
निर्भया-कांड
हो
जाता।"
विभागीय जांच जारी, अभी कोई खुलासा नहीं हुआ
इस तकरार के बाद जहां सुनीता का ट्रांसफर कर दिया गया, वहीं मंत्री के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट से उसे बेल भी मिल गई। हालांकि, इससे पहले ही उन दोनों के बीच हुए विवाद के ऑडियो व वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गए। तब से सुनीता के खिलाफ अनुशासन भंग और कुछ शिकायतों को लेकर विभागीय जांच शुरू कर दी गई। इन दिनों सुनीता यादव के खिलाफ विभागीय जांच जारी है। हालांकि, उसके संबंध में कोई खुलासा नहीं हुआ है।
कॉन्सटेबल
सुनीता
यादव
बोली-
मेरे
साथ
कुछ
भी
हो
सकता
है,
आज
इस्तीफा
दूंगी