3 महीने तक फ्री गैस सिलेंडर लोगों के घर पहुंचाएगी सरकार, फिर भी गैस एजेंसी पर लगी ऐसी कतार
सूरत। लॉकडाउन के चलते सरकार द्वारा लोगों को 3 महीने तक फ्री गैस सिलेंडर देने की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद से ही गांव-कस्बों में लोग सिलेंडर लेने लंबी-लंबी कतारें बनाकर उमड़ने लगे हैं। गुजरात में नवसारी ज़िले की वांसदा तालुका में भी उज्ज्वला योजना का लाभ लेने वालों की लाइन लग गई। सरकार ने घोषणा की थी कि, यहां के 20 हजार से ज्यादा लोगों को तीन महीने तक फ्री सिलेंडर मिलेंगे। जिसके अंतर्गत लाभार्थियों के खाते में सिलेन्डर के रुपए जमा करने के बाद वांसदा में गैस एजेन्सी के सामने लोगों की लंबी लाइन लगने लगीं।
सरकार घर पहुंचाएगी सिलेंडर, फिर भी गैस एजेंसी पर उमड़ी भीड़
आप देख सकते हैं कि, किस तरह गैस सिलेन्डर लेने के लिए लगी है। अधिकारी ने बताया कि, एक दिन में सौ से ज्यादा ग्राहकों को सिलेन्डर दिया गया। दूसरी तरफ सरकार द्वारा भेजी राशि लेने के लिए बैंकों में भी लंबी लाइन लगी रही। फ्री गैस सिलेन्डर प्राप्त करने की चाहत में लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने की गंभीरता भी नहीं दिखाई। प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि, लोगों को बताया जा रहा है कि, सिलेन्डर की डिलीवरी गांव में लाभार्थी के घर तक की जाएगी, लेकिन उसके बाद भी गैस एजेन्सी तक लोग लाइन लगाने पहुंच रहे हैं।
1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 तक मिलेगा मुफ्त सिलेंडर
अधिकारी ने बताया कि, केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के सभी उपभोक्ताओं के लिए अगले तीन महीनों के लिए मुफ्त रिफिल की घोषणा की है। इसमें 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 के लिए सहायता मिलेगी। इसमें 8 करोड़ लाभार्थी 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर मुफ्त पाने के हकदार होंगे। इसमें अब अप्रैल 2020 की रिफिल लागत का खुदरा मूल्य उज्ज्वला लाभार्थियों के लिंक बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा। इससे ग्राहक मुफ्त एलपीजी गैस खरीदने के लिए राशि का इस्तेमाल कर सकेंगे।
इधर, इंडियन ऑयल ने भी की बड़ी घोषणा
इसी के साथ इंडियन ऑयल के कर्मचारियों को कार्य के दौरान कोरोना वायरस से मृत्यु होती है तो कार्मिक के परिजन को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि मिलेगी। इंडियन ऑयल द्वारा जो घोषणा की गई है, उसके लाभार्थियों में परमानेंट कर्मचारी, एलपीजी शोरूम कर्मचारी, गोदाम पर एलपीजी मैकेनिक और एलपीजी डिलीवरी बॉय, रिटेल आउटलेट कस्टमर अटेंडेंट, ट्रक ड्राइवर, पैक ट्रांसपोर्टर्स शामिल हैं।
कोरोना की वजह से किसी सरकारी कर्मचारी की मौत हुई तो सरकार परिजनों को देगी 25 लाख रुपए