आसाराम के बेटे नारायण साईं ने चलती कोर्ट में लिखा लेटर, जानिए जज से क्या मांगा
Gujarat News in Hindi, सूरत। वर्ष 2013 से जेल में बंद 47 वर्षीय नारायण साईं को मंगलवार को सूरत की सेशन कोर्ट लाया गया। जहां उसकी बलात्कार के केस में पेशी हुई। इस दिन जज द्वारा सजा का ऐलान किए जाने की तारीख थी। सुनवाई के दौरान नारायण साईं के वकील और सरकारी वकील के बीच कोर्ट रूम में तीखी बहस हुई। इस बीच, नारायण साईं ने चलती कोर्ट में एक पत्र लिखा।
बचने के लिए नारायण साईं ने ये लिखा
इस कागज में उसने जज के लिए लिखा- दोषी घोषित करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। वहीं, नारायण साईं के अभियोजक (वकील) ने भी कोर्ट से अपील की कि उन्हें बलात्कार मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए। वकील ने तर्क दिया कि साईं 5 साल जेल काट चुके हैं, इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जानी चाहिए। तर्कों के बीच नारायण साईं को कागज और कलम दी गई। तब साईं ने अपना पक्ष रखा।
ये लगी हुई हैं साईं पर धारा
बता दें कि, साध्वियों से रेप व दुर्व्यवहार के मामले में साईं के अलावा 3 महिलाओं सहित चार सहयोगियों को भी दोषी ठहराए गये हैं। साईं को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-बी (साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया। इस मामले में, कुल 11 दोषी थे, और उनमें से 6 को निर्दोष घोषित किया गया था।
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बाप-बेटे दोनों को दुष्कर्म में उम्रकैद
नारायण साईं और उसके पिता आसाराम दोनों पर दुष्कर्म के केस हैं और दोनों जेल भुगत रहे हैं। इन दोनों के खिलाफ सूरत की दो बहनों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। दुष्कर्म का यह मामला करीब 11 साल पुराना है। इसे लेकर गुजरात के सूरत में निचली अदालत मंगलवार को आसाराम के बेटे नारायण साईं को पेशी हुई, जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इससे पहले शुक्रवार को ही अदालत ने नारायण साईं को दोषी करार दिया था। नारायण साईं सहित बाकी आरोपी फिलहाल सूरत की लाजपुर जेल में बंद हैं। इसके अलावा गंगा, जमना, कौशल और रमेश मल्होत्रा भी हिरासत में हैं।