रेप के सबूत मिटाने के लिए शिशु को जिंदा दफनाया, नाबालिग मां ने 4 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई
सूरत। गुजरात में सूरत जिले के पलसाना थाना क्षेत्र में एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को जन्म दिया था। बलात्कारी पकड़े नहीं जाएं, इसलिए उन्होंने सुबूत मिटाने के लिए उसके नवजात शिशु को जिंदा दफना दिया। पीड़िता ने चार आरोपियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद चारों आरोपी फरार हो गए। पीड़िता की मां ने बताया कि बेटी की उम्र 17 साल है। उसकी कोख से पैदा हुए नवजात को बलात्कारियों ने सूरत से 20 किमी दूर बालेश्वर गांव में जिंदा ही जमीन में गाड़ दिया।
पुलिस का कहना है कि जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। फरार आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। पीड़िता की मां की शिकायत में बताया गया कि उन आरोपियों की डॉक्टर ने मदद की थी, उसके बाद ही नवजात शिशु को पीड़िता से दूर करके मार दिया गया। बलात्कार के आरोपी का नाम अशोक राठौड़ है, जिसने दो साल पहले उक्त नाबालिग किशोरी से दोस्ती की थी।
अशोक राठौड़ अक्टूबर 2017 में एक फार्म पर उसका यौन शोषण किया। उसके बाद उसने कई बार किशोरी से दुष्कर्म किया। 2018 में वह प्रेग्नेंट हो गई। तब उसने अशोक राठौड़ को इस बारे में बताया, तो राठौड़ ने कहा कि वह बच्चे की जिम्मेदारी लेगा। उसके बाद किशोरी की मां को पता चला कि उसकी बेटी किसी के चंगुल में फंस गई है तो, राठौड़ ने किशोरी को अपने पास बुला लिया।
अपने पास बुलाकर राठौड़ ने किशोरी से कहा कि मैं तुम्हारे बच्चे का बाप नहीं हूं। उसके बाद जून में राठौड़ के द्वाराभेजा गया एक कर्मचारी महेश पटेल किशोरी के घर आया और उसे कुछ मेडिकल जांच के लिए बारदोली ले गया। वहां से डॉक्टरों ने उसे सूरत रेफर कर दिया। जून 2019 में नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद बीते दिनों बच्चे को मार डाला गया।