लॉकडाउन: पिता ने घर से बाहर जाने से रोका तो गुस्से में बेटे ने लगा ली फांसी, आईसीयू में भर्ती
सूरत। लॉकडाउन के बावजूद एक छात्र अपने घर से बाहर निकलने की जिद कर रहा था। उसे पिता ने डांट दिया। इस पर छात्र इतना गुस्सा हुआ कि, उसने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। परिवारवालों की नजर पड़ते ही उसे नीचे उतारकर अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, लड़के की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि, वह 12वीं में पढ़ता है।
पिता
घर
से
बाहर
थे,
तो
मां
ने
देखा
बेटा
फांसी
लगा
रहा
था
यह
घटना
सूरत
स्थित
गोडादरा
के
शिव
कृपा
सोसायटी
की
है।
जहां
एक
शख्स
का
18
वर्षीय
बेटा
राजू
(बदला
हुआ
नाम)
12
वीं
कक्षा
में
पढ़ता
है।
लॉकडाउन
में
राजू
अपने
दोस्तों
के
साथ
घर
से
बाहर
घूमने
निकल
जाता
था।
पिता
ने
उसे
डांटते
हुए
घर
से
बाहर
जाने
से
रोका।
कहा
कि,
अब
चौखट
से
बाहर
पैर
नहीं
रखेगा।
उसके
बाद
पिता
शाम
के
समय
सब्जी
लेने
गए
तो,
मौका
पाते
ही
राजू
अपने
घर
में
फांसी
लगाकर
आत्महत्या
करने
की
कोशिश
करने
लगा।
इसी
बीच
उसकी
मां
बाथरूम
से
बाहर
आ
रही
थी,
तो
उसकी
नजर
उस
पर
पड़ी।
उसे
देख
वह
जोर
से
चिल्लाने
लगी।
कुछ
ही
क्षणों
में
आसपास
के
लोग
जमा
हो
गए
और
उन्होंने
राजू
को
नीचे
उतरवाया।
उसके
बाद
राजू
को
इलाज
के
लिए
अस्पताल
ले
गए।
पिता
का
कहना
है
कि,
मुझे
इस
बात
का
जरा
भी
अंदाजा
नहीं
था
कि
वो
ऐसा
कर
लेगा।
मैंने
तो
उसे
भीड़भाड़
में
कोरोना
होने
के
डर
से
बाहर
से
जाने
से
रोका
था।
वह
नहीं
मान
रहा
था।
उसकी
हालत
गंभीर
बनी
हुई
है।
इधर,
3
साल
से
बीमार
था
बेटा,
मां
ने
कर
दी
हत्या
गुजरात
में
ही
राजकोट
के
कुवाड़वा
रोड
पर
रणछोड़वाड़ी
में
रहने
वाली
एक
महिला
ने
3
साल
से
बीमार
रहे
अपने
17
वर्षीय
बेटे
की
हत्या
कर
दी।
इसके
लिए
उसने
अपने
दुपट्टे
को
फांसी
का
फंदा
बनाया।
उसके
बाद
एकादशी
का
शुभ
मुहूर्त
भी
निकाला।
बेटे
की
हत्या
के
आरोप
में
उसे
पुलिस
ने
गिरफ्तार
किया
है।
उसने
कहा
कि,
मैंने
बेटे
को
मारकर
अच्छा
किया।
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