2 साल की बच्ची को अगवा कर खेत में दरिंदगी करने वाले हैवान को अदालत ने दी ताउम्र कैद
सूरत। गुजरात में सूरत के अमरोली में डेढ़ साल पहले एक दो साल की मासूम से दरिंदगी हुई थी। अब इस मामले में सेशंस कोर्ट ने ऑनलाइन सुनवाई करते हुए दुष्कर्मी को ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई है। दुष्कर्मी दिलाने में एक सीसीटीवी फुटेज अहम साबित हुआ।
सूरत में हुई थी यह घटना
संवाददाता ने बताया कि, जिस बच्ची के साथ दरिंदगी हुई, उसे दरअसल पड़ोस में ही रहने वाले शख्स ने अगवा किया था। बच्ची के पिता 11 मार्च 2019 के दिन सुबह 8 बजे काम पर चले गए थे। उसके बाद 11 बजे मां भी पिता को टिफिन देने के लिए घर से निकल गई।
माता—पिता की गैरमौजूदगी में किया अगवा
माता-पिता के घर पर न होने के दौरान ही दरिंदे ने बच्ची को चॉकलेट देने का लालच देकर अगवा किया। वह उसे एक खेत में ले गया और रेप करता रहा। उधर, बच्ची के नहीं मिलने पर माता-पिता खोजते रहे। काफी ढूंढने के बाद भी बच्ची नहीं मिली। तब देर रात माता-पिता ने थाने में शिकायत दर्ज करवा दी। जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई।
सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिखा साफ
कुछ
समय
बाद
पुलिस
को
रास्ते
पर
लगे
सीसीटीवी
कैमरे
की
फुटेज
मिली।
उसमें
दिख
रहा
था
कि,
बच्ची
के
पड़ोस
में
ही
रहने
वाला
शत्रुघ्न
यादव
उर्फ
बिजली
उस
बच्ची
को
गोद
में
कहीं
ले
जा
रहा
था।
तब
पुलिस
ने
शत्रुघ्न
यादव
उर्फ
बिजली
को
दबोच
लिया।
उससे
पूछताछ
के
दौरान
पता
चला
कि
उसने
बच्ची
को
अब्रामा
रोड
पर
गन्ने
के
खेत
में
ले
जाकर
दुष्कर्म
किया
था।
उसके
बाद
उसे
रोते
हुए
वहीं
छोड़कर
फरार
हो
गया।
बच्ची दूसरे दिन खेत में रोते हुए मिली
दूसरे दिन बच्ची खेत में रोते हुए मिली। मेडिकल जांच में सामने आया कि, उक्त बच्ची के शरीर में कुल 12 और आंतरिक हिस्से में चोट के 4 निशान पाए गए थे। पुलिस ने शत्रुघ्न यादव उर्फ बिजली को हिरासत में ले लिया और कोर्ट में केस शुरू हो गया। इस मामले में एपीपी किशोर रेवलिया ने कोर्ट में दलील दी कि, मासूम बच्ची को हवस का शिकार बनाने वाले को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
कोर्ट ने कहा- दुष्कर्मी ताउम्र जेल भुगतेगा
इस पर कोर्ट ने कहा कि, दुष्कर्मी को फांसी की सजा दी जा सकती है। लेकिन उसे पश्चाताप करने और इसे गंभीरता से लेने के लिए अपराधी को मरते दम तक जेल में रखना चाहिए। और, फिर ताउम्र कैद की सजा सुना दी गई।
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ऐसे सुबूतों से मिली अपराधी को सजा
पीड़ित पक्ष के वकील ने मीडिया को बताया कि, दुष्कर्मी को सजा दिलवाने के लिए हमारे पर्याप्त सुबूत थे। बच्ची के मेडिकल टेस्ट, जख्मों एवं सीसीटीवी फुटेज के अलावा गवाहों के बयान भी हमारे पास थे। बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को 11 मार्च 2019 के दिन अंजाम दिया गया था। पीड़ित पक्ष सूरत के झोपड़पट्टी इलाके से ताल्लुक रखता है।