भारत की सबसे बड़ी बैंक-धोखाधड़ी: ABG शिपयार्ड के 26 ठिकानों पर ED के छापे, खोजे जा रहे दस्तावेज
सूरत। देश के सबसे बड़ी बैंक-ऋण-धोखाधड़ी मामले में जांच-पड़ताल चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में अब एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करते हुए 26 स्थानों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे स्थित ठिकानों पर की गई है।

बैंक ऋण धोखाधड़ी के इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने फरवरी महीने में केस दर्ज किया था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, यह मामला 22,842 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी का है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले की जांच के सिलसिले में एबीजी के प्रमोटर ऋषि कमलेश अग्रवाल के घर और ऑफिस में भी तलाशी ली है। आरोप हैं कि एबीजी शिपयार्ड के चेयरमैन और एमडी ऋषि अग्रवाल ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 2012 से 2017 के बीच 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपए का कर्ज घपला किया। प्रवर्तन निदेशालय इससे संबंधित दस्तावेजों की खोजबीन कर रहा है।
22,842 करोड़ रुपए की रकम के लिहाज से यह बैंक-धोखाधड़ी नीरव मोदी के 14 हजार करोड़ और विजय माल्या के 9 हजार करोड़ रुपए के कुल घोटाले से भी होती है। हजारों करोड़ की इस धोखाधड़ी के परिप्रेक्ष्य में विपक्षी दल कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस की नजर में, इस घोटाले की रकम बताए जा रहे आंकड़े से भी कई गुना ज्यादा है। वहीं, जिस मुख्य आरोपी की बात हो रही है, वो ऋषि अग्रवाल देश छोड़ने के बाद अब सिंगापुर में रह रहा है। कांग्रेस के आरोप हैं कि, ऋषि अग्रवाल की सरकार के नजदीकियों के चलते ही पिछले साढ़े 7 साल में 5.35 लाख करोड़ की बैंक धोखाधड़ी हुई। पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने कहा था कि, यह देश के इतिहास की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी सामने आई है।
- कंपनी के सूरत शिपयार्ड में 18,000 डेड वेट टन और दाहेज शिपयार्ड में 1,20,000 डेड वेट टन की क्षमता है। इस पर 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। इसे भारत में अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला बताया जा रहा है।