2006 के बाद सूरत में फिर बाढ़ का खतरा, कई इलाके डूबे, 270 लोग रेस्क्यू किए गए, पानी से सभी खाड़ियां तनीं
सूरत। डायमंड सिटी माने जाने वाले सूरत में भयंकर बारिश के चलते कई इलाके डूब गए हैं। पिछले तीन दिनों से यहां लगातार वर्षा होरही है। शहरभर में पानी ही पानी नजर आ रहा है। वर्ष 2006 के बाद सूरत में फिर बाढ़ का खतरा पनप गया है। निचले इलाकों में 5-6 फीट पानी भर चुका है। सोसायटी की बिल्डिंगों के ग्राउंड फ्लोर डूब चुके हैं। वहीं, सूरत के नजदीक ही सबसे बड़ा उकाई डैम भी लबालब होने वाला है। बहरहाल, उकाई से 70 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है।
उकाई बांध का उच्चतम स्तर 345 फीट
जानकारी के अनुसार, उकाई का जलस्तर शुक्रवार शाम 6 बजे 332.44 फीट दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि, बीते शुक्रवार को कैचमेंट क्षेत्र में ही 115 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे पानी की आवक 18,59,14 क्यूसेक रही। 70,456 क्यूसेक पानी उकाई से छोड़ना जारी रखा गया। उकाई बांध का खतरे का निशान 345 फीट है। यदि बारिश होती रही तो पानी छलकने लगेगा।
नदी का जलस्तर लगा बढ़ रहा
अधिकारियों का यह भी कहना है कि, डैम का पानी छोड़ने से तापी नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा। डैम से पानी छोड़ने से शहर के लिए और खतरा पैदा होने की आशंका है, क्योंकि सूरत तापी नदी किनारे बसा हुआ है। डैम से पानी छोड़ने पर तापी नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा और फिर सूरत को अपनी चपेट में ले लेगा।
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2006 में इसी तरह आई थी बाढ़
इससे पहले साल 2006 में उकाई डैम से पानी छोड़े जाने से तापी नदी तन गई थी। जलस्तर इतना ज्यादा बढ़ गया था कि, सूरत में बाढ़ आई थी, जिससे लोगों को करोड़ों का नुकसान हुआ था। तब काफी दिनों तक लोगों को भूखे-प्यासे भी दिन गुजारने पड़े थे। अब दोबारा वही परिस्थिति पैदा होने पर लोग डरे-सहमे हुए हैं।
लोगों को किया जा रहा रेस्क्यू
निचले इलाकों में पानी भरने से बीते रोज 270 लोग रेस्क्यू किए गए। बताया जा रहा है कि, शहर के लिंबायत, बमरोली, सरथाणा और परवत पाटिया इलाकों से तो लोगों का स्थानांतरित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि, यहां जोरदार बारिश हो रही है, जिससे शहर में बाढ़ के हालात बन गए हैं।