गुजरात: भाजपा नेता पीवीएस शर्मा करोड़ों की ठगी मामले में गिरफ्त में, अस्पताल से आते ही पकड़े गए
सूरत। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पूर्व अफसर एवं भाजपा नेता पीवीएस शर्मा की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। अखबारों के फर्जी सर्कुेलेशन दिखाकर एडवरटाइज का घपला करने के मामले में वह अब पुलिस-रिमांड पर हैं। पुलिस ने उन्हें तब पकड़ा जब वह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए थे। दवाब बढ़ने पर कुछ ही दिनों पहले उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की थी। जिसके चलते उनके दोस्त ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। शुक्रवार को अस्पताल ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया, जिसके बाद ही पुलिस उनके पास पहुंच गई और गिरफ्तार कर लिया।
पीवीएस शर्मा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें रविवार को एक दिन की रिमांड पूरी होने के बाद कोर्ट में पेश किया। जहां पुलिस ने हिसाब के बारे में पूछताछ करने के लिए और एक दिन की रिमांड की मांगी। कोर्ट ने पुलिस की अर्जी मंजूर कर ली, तो फिर से रिमांड पर ले लिया। बताया जा रहा है कि, इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी भद्रेश दलाल और बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट कल्पेश देसाई ने दलीलें दी। पूरे मामले की जांच कर रहे उमरा थाना प्रभारी केबी झाला ने बताया कि, यह मामला अखबारों का फर्जी सर्कुलेशन दर्शा कर 2.70 करोड़ रुपए की ठगी का है। पीवीएस शर्मा इसमें मुख्य आरोपी हैं।
इसी माह की शुरुआत में जब पीवीएस शर्मा पर कार्रवाई होनी शुरू हुई तो कथिततौर पर उन्होंने खुदकुशी की कोशिश की। 15 नवंबर को वह बेहोशी की हालत में पाए गए थे और शहर के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए थे। डॉक्टर्स ने कहा था कि, उनकी हालत गंभीर है। उधर, ठगी के मामले में पुलिस ने पीवीएस शर्मा से जुड़े दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिनसे पूछताछ होती रही और इधर पीवीएस शर्मा का आईसीयू वार्ड के अंदर उनका उपचार चलता रहा। उनके स्वस्थ होते ही जब अस्पताल ने उन्हें डिस्चार्ज किया तो पुलिस ने उनकी भी गिरफ्तारी की।