मंदी: गुजरात में 450 हीरा श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया गया, मालिक ने कंपनी भी बंद कर दी
सूरत। वैश्विक मंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ी चोट पहुंचाई है। इसी की आड़ में लाखों लोगों से रोजगार छिन चुका है। जबकि, सैकड़ों कंपनियां छंटनी करने में लगी हुई हैं। ऐसे में गुजरात में सैकड़ों फाउंड्री इकाई ठप हो चुकी हैं। जबकि, हीरा उद्योग और ऑटोमोबाइल कंपनियां भी बंद हो रही हैं। डायमंड सिटी सूरत में भी हीरे की बड़ी कंपनियों पर ताले लगने शुरू हो गए हैं। यहां एके रोड पर स्थित गोधानी इम्पेक्स को उसके मालिकों ने बंद कर दिया है। गोधानी इम्पेक्स ने शनिवार को 250 हीरा श्रमिकों को नौकरी से निकाला था। फिर दो दिन बाद सोमवार को 200 और श्रमिकों को नौकरी से निकाला गया। यानी 450 से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए। वे लोग अब भटक रहे हैं। जबकि, सरकार इस मामले में खामोश है।
आर्थिक
मंदी
के
चलते
इंडस्ट्रीज
में
हड़कम्प
गोधानी
इम्पेक्स
के
अलावा
सूरत
में
कुछ
और
कंपनियों
के
भी
ठप
होने
की
आशंका
है।
इस
मामले
में
पीड़ित
श्रमिक
सूरत
डायमंड
एसोसिएशन
के
चक्कर
काट
रहे
हैं।
मगर,
उन्हें
वहां
भी
मदद
नहीं
मिल
रही।
वहीं,
रत्न
कलाकार
संघ
के
अध्यक्ष
जयसुख
गजेरा
ने
कहा
कि
मंदी
की
वजह
से
ही
हीरा
श्रमिक
बेरोजगार
हुए
हैं।
गोधानी
इम्पेक्स
के
संचालक
कह
रहे
हैं
कि
वे
बेरोजगार
श्रमिकों
को
दिवाली
तक
अन्य
जगह
काम
दिला
सकते
हैं।
ऐसे
में
मंगलवार
को
इस
मामले
पर
मीटिंग
होगी।
गुजरात
में
2
हजार
फाउंड्रीज
के
श्रमिकों
पर
संकट
हीरा
उद्योग
के
अलावा
राज्य
में
सक्रिय
2
हजार
से
ज्यादा
फाउंड्री
इकाईयाँ
भी
ठप
होने
की
कगार
पर
हैं।
इन
फाउंड्रीज
में
चार
लाख
से
अधिक
कर्मचारी
हैं।
कर्मचारियों
को
नौकरी
खोने
का
डर
सता
रहा
है।
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
देशभर
में
6
हजार
फाउंड्री
चल
रही
हैं।
जिनमें
से
अकेले
गुजरात
में
2
हजार
से
ज्यादा
फाउंड्री
हैं।
गुजरात
की
तरह
अन्य
राज्यों
में
भी
ये
बंद
हो
सकती
हैं।
फाउंड्री
इंडस्ट्री
से
जुड़े
जानकारों
के
मुताबिक,
वाहनों
की
बिक्री
में
गिरावट
के
साथ
ऑटो
कंपनियों
ने
उत्पादन
कम
कर
दिया
है।
जिसके
परिणामस्वरूप
फाउंड्री
इकाईयां
भी
संकट
में
हैं।