गुजरात में फर्जी डिग्री का कारोबार, 3 साल पढ़ाकर ग्रेजुएट बनाया, उसी मार्कशीट से LLB भी हुई, फिर चला पता
सूरत। गुजरात में फर्जी डिग्री के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। यहां अडाजण स्थित एजुकेशन सेंटर में छात्र-छात्राओं को ठगा गया। जब बार काउंसिल ने फर्जीवाड़ा पकड़ा तो कई लड़के-लड़कियां परेशान हो गए। उनका कहना है कि, उन्होंने तो झांसे में आकर फेक डिग्री हासिल कर ली, लेकिन वीएनएसजीयू को तो डिग्री की जांच करनी चाहिए थी। वहीं, फर्जी डिग्री बेचने वाला सेंटर बंद हो गया और संचालक फरार हैं।
डिग्री के फर्जीवाड़े में फंसे सूरत और सौराष्ट्र के 14 युवा सामने आए हैं। जिसका अहमदाबाद में मामला दर्ज किया गया है। युवाओं का कहना है कि, 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन करना था, लेकिन नौकरी की भी जरूरत थी। तभी किसी ने बताया कि अदाजण स्थित एलपी सवाणी के ग्रीन प्लाजा कॉम्प्लेक्स में अक्षर एजुकेशन के नामक संस्था ग्रेजुएशन कोर्स कराती है। सेंटर पर राहुल चौधरी और भावेश पटेल नाम के लोग रहा करते थे, जो कि पास करवाने की गारंटी देते थे। इसलिए वहां से डिग्रियां लीं। हालांकि, मार्कशीट आईं तो यूनिवर्सिटी ने भी उनकी जांच नहीं की।
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बहरहाल, राहुल चौधरी और भावेश पटेल दोनों सेंटर बंद करके फरार हैं। उर्वशी खोलिया नाम की एक लड़की का कहना है कि, "मैंने नौकरी करने के साथ ग्रेजुएशन करने का निर्णय किया था। मगर किसी अप्रूव्ड डिस्टेंस लर्निंग सेंटर की बजाय एक कोचिंग सेंटर जैसी जगह एडमिशन ले लिया। फिर, उस सेंटर के संचालक ने दावा किया कि ग्रेजुएशन की जो डिग्री तुम्हें दी जाएगी वो पूरी तरह ऑरिजिनल होगी। इसके लिए बाकायदा 3 साल क्लास चलाकर ग्रेजुएशन की डिग्री भी दी गई। उसी डिग्री के जरिए मैंने वीर नर्मद यूनिवर्सिटी से एलएलबी भी किया, लेकिन जब गुजरात बार काउंसिल से सनद पाने के लिए अप्लाई किया तो पता चला कि मेरी ग्रेजुएशन की डिग्री फर्जी है।" बहरहाल, पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी है।