CID ने क्रिप्टोकरेंसी मामले में सूरत के बड़े बिजनेसमैन को किया गिरफ्तार, 38 करोड़ की संपत्ति जब्त
गांधीनगर। गुजरात में सीआईडी (क्राइम) ने 22,000 करोड़ रुपये के बिटकॉइन घोटाले में 38 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इन संपत्तियों में करीबन 18 करोड़ रुपये की जमीन और विभिन्न आरोपियों के 19.60 करोड़ रुपये के 280 बिटकॉइन शामिल हैं। बिटकॉइन केस में आरोपी राकेश सवानी को सूरत से गिरफ्तार किया गया और उसे 25 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
सूरत के एक बिल्डर शैलेश भट्ट द्वारा पिछले साल आरोप लगाए जाने के बाद कथित करोड़ों का घोटाला सामने आया था। अमरेली जिले के कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें और उनके बिजनेस पार्टनर को अगवा कर लिया था और उनके पास से 9 करोड़ रुपये के बिटकॉइन निकाले थे। बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है जिसे किसी भी केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित या मान्यता प्राप्त नहीं है। यह आरोप लगाया गया है कि 2016 में बिटकॉइन बिजनेस शूरू किया था और 100 दिनों में बिटकॉइन को दोगुना करने का वादा करके निवेशकों को लुभाता था।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अब तक की जांच में, शिकायतकर्ता और अन्य व्यक्तियों ने 12.69 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का निवेश किया है। बिटकॉइन के आरोपी के पास से दो संपत्तियां जब्त करने के अलावा सीआईडी क्राइम ने 280 बिटकॉइन भी जब्त किए हैं। अभी एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 7 लाख रुपये है, जिसके हिसाब से बिटकॉइन की जब्ती 19.60 करोड़ रुपये हो गई है। सीआइडी क्राइम के बयान में कहा गया है कि जब्त संपत्तियों पर अदालत से अंतिम आदेश प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है। एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, एजेंसी प्रचलित बाजार दरों के अनुसार संपत्तियों का मूल्यांकन करेगी और जब्त की गई संपत्तियों की नीलामी करेगी।
सूरत के अडाजण इलाके के निवासी शैलेश दरजी भी दो अन्य क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं। दरजी का नाम पिछले साल डेकाडो सिक्के के 100 करोड़ रुपये के घोटाले में सामने आया था और हाल ही में उन्हें रीगल सिक्का घोटाले में आरोपी बनाया गया था। रीगल कॉइन से 45 लाख रुपये निकालने के बाद दरजी ने कथित तौर पर कंपनी को बंद कर दिया था।