गुजरात: मेडिकल स्टूडेंट की अस्पताल में मौत, उसके परिजनों को मिलेगा 19.50 लाख का मुआवजा
सूरत। गुजरात में सूरत की जिला उपभोक्ता अदालत ने एक मेडिकल के छात्र के इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर एवं अस्पताल पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मेडिकल स्टूडेंट की मौत हो गई थी। जिसके बाद मृतक के माता-पिता ने जिला उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में जिला उपभोक्ता अदालत ने अब फैसला सुनाया है। जिला उपभोक्ता अदालत ने मेडिकल स्टूडेंट अर्पित की मौत की वजह अस्पताल और डॉक्टर की लापरवाही बताई। साथ ही मृतक के परिजनों के लिए 19.50 लाख रुपए का मुआवजा चुकाने का भी आदेश दिया।
बता दें कि, अर्पित सिंगणपोर क्षेत्र का निवासी था। वह मेडिकल की पढ़ाई करता था। मई 2019 में परीक्षा देने के बाद उसे कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ हुई थी। जिसके चलते उसे लक्कणकोट स्थित श्रीजी अस्पताल में भर्ती कराया था। अर्पित के माता-पिता का आरोप है कि डॉक्टर अस्पताल में शाम 7.30 बजे गए और सुबह 10 बजे आए। फिर भी हमारे बेटे को नहीं देखा और प्लम्बर से बात करने में व्यस्त रहे। अर्पित का हीमोग्लोबिन भी कम हो गया था, लेकिन उसे रक्त नहीं चढ़ाया गया। इलाज में लापरवाही के चलते उसका दम टूट गया।
जिसके
बाद
अर्पित
के
पिता
ने
एडवोकेट
श्रेयस
देसाई
के
मार्फत
जिला
उपभोक्ता
कोर्ट
में
श्रीजी
अस्पताल
एवं
उसके
डॉक्टर
के
खिलाफ
शिकायत
दर्ज
करवाकर
मुआवजे
की
मांग
की।
शिकायत
में
बताया
गया
कि
बेटा
अर्पित
मनपा
संचालित
मेडिकल
कॉलेज
में
एमबीबीएस
के
प्रथम
वर्ष
की
पढ़ाई
कर
रहा
था।
25
मई
2019
को
परीक्षा
देने
के
बाद
उसे
कमजोरी
और
सांस
की
बीमारी
हुई
थी।
हमने
उसकी
पढ़ाई
के
लिए
2.31
लाख
का
लोन
भी
लिया
था।
यदि
उक्त
अस्पताल
में
उसका
समय
पर
इलाज
होता
और
लापरवाही
नहीं
होती
तो
जान
बच
जाती।'
इस
शिकायत
पर
कोर्ट
ने
शिकायतकर्ता
के
वकीलों
का
पक्ष
सुना
और
अब
मृतक
के
परिजनों
को
19.50
लाख
रुपए
मुआवजा
मुहैया
कराने
के
आदेश
दे
दिए।