सूरत: सोसाइटी में गंदगी से परेशान कांग्रेसियों ने कूड़ा-कचरा ट्रैक्टर से BJP विधायक के दफ्तर के आगे फेंका
सूरत। गुजरात में सूरत महानगरपालिका के चुनाव नजदीक आ गए हैं। ऐसे में निगम के मौजूदा अफसर और कर्मचारी अपने काम की तारीफ करने में जुट गए हैं। वहीं, कांग्रेस के लोग उनकी कमियां उजागर करने में लगे हैं। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्थायी समिति के चेयरमैन अनिल गोपालानी की सोसाइटी के बाहर कूड़ा कचरा पड़ा देखा। जिसे ट्रैक्टर में भरकर उन्होंने मजूरा के विधायक हर्ष संघवी के दफ्तर के बाहर फेंक दिया। वहीं पर विरोध प्रदर्शन भी किया।
युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपाई सफाई की डींगें हांक रहे हैं, जबकि शहरभर में कचरे के ढेर देखे जा सकते हैं। कई कार्यकर्ताओं ने तो यह भी कहा कि, सफाई केवल भाजपा नेताओं के घर के आसपास ही हो रही है। यह तो गलत हो रहा है। वहीं, स्थायी समिति के चेयरमैन अनिल गोपलानी बोले कि, ''विरोध प्रदर्शन करने की खातिर कांग्रेसी कार्यकर्ता कूड़ा कचरा नहीं, बल्कि पेड़ की डाल उठाकर ले गए हैं। हमारे रहते इलाके में अच्छे से काम हुआ।
ज्ञातव्य है कि, चुनाव आयोग की राज्य इकाई ने सूरत महानगरपालिका के चुनाव के लिए सीमांकन और आरक्षित सीटों का प्राथमिक आदेश जारी किया है। प्राथमिक अधिसूचना जारी करने पर अब सूरत में एक वार्ड में 4 पार्षद के अनुसार 30 वार्ड और 120 पार्षद होंगे। जिसमें 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए, 3 एससी और 4 एसटी तथा 12 सीटें बीसी के लिए आरक्षित होंगी। अधिकारियों का कहना है कि, अब एक वार्ड में औसतन 1.54 लाख की आबादी होगी।
बता दें कि, सूरत शहर में सीमांकन से पहले एक वोर्ड में चार पार्षद के हिसाब से 29 वार्ड और 116 पार्षद थे। नए सीमांकन के बाद एक वार्ड और चार पार्षद बढ़ गए। जिसके चलते सूरत महानगर पालिका के आगामी चुनाव में 30 वॉर्ड से 120 पार्षद होंगे। जिसमें 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। वहीं, प्राथमिक सीमांकन वॉर्ड की अधिसूचना के बाद चुनाव आयोग राजनैतिक दलों का पक्ष सुन सकता है। यह सब देखते हुए, मनपा का चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है।