सिर्फ मोबाइल चार्जर के लिए सहकर्मी को मार डाला, चेहरा तेजाब से जलाया, 5 दिन बाद खुद पुलिस को बताया
सूरत. गुजरात में सूरत के वेसू इलाके में एक सुरक्षाकर्मी की उसके ही सहकर्मी की हत्या कर दी। लाश को झाड़ियों में फेंक कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश भी की। इसके लिए हत्यारे ने तेजाब डाल कर उसके चेहरा जलाया। बाद में पकड़े जाने के आशंका से वह घबरा गया और पांच दिन बाद खुद ही पुलिस को घटना की खबर दी। जिसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर ही लाश को बरामद किया।
पुलिस निरीक्षक एम.एल.सालुंके के मुताबिक, मृतक की पहचान रामराज तिवारी (35) के रूप में हुई। वह वेसू स्थित हाइटेक एवेन्यु के सामने मनीरा गॉर्डन कंपाउन्ड में निवासी उमाकांत का पुत्र था। उसकी हत्या सहकर्मी प्रेमसिंह भाट ने 4 फरवरी की रात में की थी। दरअसल, उमकांत केे मोबाइल फोन का चार्जर चोरी हो गया था। इस बात को लेकर रात साढ़े ग्यारह बजे प्रेमसिंह के साथ उसका विवाद हुआ। प्रेमसिंह ने प्लास्टिक के पाइप से उसे पीटा और फिर बांस के डंडे से उसके सिर में वार कर दिया। हमले के दौरान वह फर्श पर गिर गया और सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई।
इस वारदात के बाद अपना अपराध छिपाने के लिए प्रेमसिंह भाट ने सिक्योरिटी इंचार्ज वेसू सुमन आवास निवासी राजेश पाल व पांडेसरा कैलाश चौराहा निवासी संजय मिश्रा की मदद ली। 5 फरवरी को वे उसकी लाश को एक चादर में लपेटकर उसे मोटरसाइकिल से पलसाणा हाइवे पर पहुंचे। वहां उसे लाश को उन्होंने भीमराड़ गांव की झाड़ियों में फेंक दिया। उसके बाद लाश की शिनाख्त होने के डर से 9 फरवरी की रात साढ़े आठ बजे फिर वहां पर गए। उन्होंने लाश के चेहरे व सिर पर तेजाब डाल दिया, ताकि पहचान न हो सके।
हालांकि, फिर जब पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू की तो वे घबरा गए। पुलिस ने सरकार की ओर से उमाकांत की हत्या कर उसका सबूत नष्ट करने के आरोप में प्रेमसिंह भाट, राजेश पाल व संजय मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। जिसके चलते आरोपियों ने पूछताछ में वारदात की कहानी बताई। पता चला है कि, उमाकांत उत्तरप्रदेश का मूल निवासी था और मनीरा गॉर्डन में सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम करता था और वहीं रहता था।
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