यूपी के इस परिवार के लिए फरिश्ता बनी थीं सुषमा स्वराज, मदद कर लौटाई थी खुशियां
सुल्तानपुर। सुषमा स्वराज के निधन से यूपी के सुल्तानपुर में रहने वाले एक परिवार में मातम पसर गया है। दरअसल, कादीपुर कोतवाली के कस्बा स्थित शास्त्री नगर मोहल्ले में अब्दुल का बेटा बोर्नियो में फंसा था। डेढ़ साल पहले उनके बेटे की घर वापसी में सुषमा स्वराज ने मदद की थी। उनकी मौत की खबर पाकर गमगीन अब्दुल समद ये कहकर फफक पड़े कि हमने नेता नहीं फरिश्ता खो दिया।
बोर्निया में बना लिया गया था बंधक
अब्दुल समद के पांच बच्चे हैं। बेटा जाहिद रोजी रोटी की तलाश में अक्टूबर 2017 में बोर्नियो गया था। दिसंबर में उसने घर फोन कर बताया कि उसे वहां बंधक बना लिया गया है। वो वहां पर आजमगढ़ के सरायमीर के एक व्यक्ति के यहां काम करने गया था। बुढ़ापे में बेटे से ये खबर पाकर मां-बाप बेबस हो गए। गरीबी में उनके पास बेटे को बचाने का कोई चारा नहीं था। तभी इलाके के समाज सेवी अब्दुल हक से जाहिद के भाई की मुलाकात हुई, भाई ने आपबीती बताई।
सुषमा स्वराज ने कहा था - बेटे को एक खरोंच तक नहीं आने दूंगी
इसके बाद अब्दुल हक बूढ़े बाप को लेकर दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज के पास पहुंच गए। अब्दुल हक बताते हैं कि सुषमा स्वराज ने उनसे पूरी स्थित के बारे में जानकारी ली और कहा कि जब तुम समाज सेवा में यहां तक आ गए तो मैं तुम्हारी पूरी मदद करूंगी। वहीं, अब्दुल समद बताते हैं कि सुषमा स्वराज ने उनसे कहा था बाबा परेशान न हो वो मेरा भी बेटा है, मैं उसे एक खरोंच तक नहीं आने दूंगी। उसके बाद तत्काल उन्होंने एक्शन लिया और 28 दिसंबर को उनका बेटा घर लौट आया।
घर में पसरा मातम, शोक सभा आयोजित
आज जब उन्हें पता चला की उनकी जिंदगी में खुशियां लौटाने वाली मसीहा अब नहीं रहीं तो पूरा परिवार शोक में आ गया। अब्दुल समद के घर पर बकायदा सुषमा स्वराज की फोटो लगाकर शोक सभा तक आयोजित हुई।
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