सुल्तानपुर: पंचायत चुनाव से पहले पूर्व विधायक और पूर्व प्रमुख पर दो केस दर्ज
सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू एवं उनके भाई पूर्व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू के विरूद्ध तीन दिनों में दो मुकदमे दर्ज हुए हैं। पंचायत चुनाव से पहले पुलिस की ये कार्यवाही बड़े संकेत दे रही है। वहीं, वादी ने एक एफिडेविट दिया है जिसमें वो इन दोनों नेताओं के घटना में शामिल होने की बात को सिरे से नकार रहा है। हालांकि एसपी का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
बता दें कि, धनपतगंज थाना क्षेत्र के मायंग निवासी वादी बंसारी लाल 25 फरवरी को जब घर पर बैठा था उसी समय संकरे रास्ते पर एक जेसीबी वहां आई जिसकी टक्कर से उसकी दीवार गिर गई। बंसारी लाल का कहना है कि मामले में अज्ञात लोगों ने थाने पर सूचना दी। इस पर थाने की पुलिस आई और जबरन गाड़ी पर बैठाकर थाने लेकर गई। इस मामले में पुलिस ने बलवा, मारपीट आदि की धाराओं में पूर्व विधायक और पूर्व प्रमुख के विरूद्ध मुकदमा कायम किया। इसी मामले में आज फिर धनपतगंज थाने में दोनों नेताओं के विरूद्ध बनारसी लाल कसौधन को बंधक बनाए जाने के मामले में मुकदमा दर्ज है।
इससे पूर्व शुक्रवार को वादी बंसारी लाल का एक एफिडेविट प्रकाश में आया था जिसमें उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने सादे कागज पर साइन कराया, उसके बाद उस पर क्या लिखा वो वादी को सुनाया ही नही गया। वादी के एफिडेविट के अनुसार, घर लौटने पर पता चला कि, पुलिस ने पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, और उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू के विरूद्ध केस दर्ज किया है। वादी ने अपने पत्र में कहा है कि न तो इन दोनो लोगों ने जमीन पर कब्जा किया है न जानमाल की धमकी दी है। यही नहीं, दोनो में से कोई मौके पर मौजूद भी नही था। वादी ने, एसपी से मुकदमा समाप्त करने के लिए अर्जी लगाई है।
वहीं कल इस मामले में एसपी डा. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया था कि, शिकायत मिली थी कि पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह और उनके भाई यशभद्र सिंह ने अपने साथियों के साथ बाउंड्री तोड़ कर गिरा दिया गया। इस घटना में उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ है। अभियुक्तों की तलाश की जा रही है।
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