आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मरीज को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए देने पड़े 6 हजार रुपए
सुल्तानपुर। सोशल मीडिया पर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के आर्थो वार्ड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में मरीज ने आरोप लगाया है कि हजारों रुपए लेकर उनका ऑपरेशन किया गया है। सवाल ये है कि सरकार का निर्देश है कि हॉस्पिटल में मुफ्त दवा और इलाज दिया जाए। ऐसे में इन मरीजों के साथ जो लूट हुई उसका जिम्मेदार कौन है। क्या स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार आधिकारी दोषी को चिन्हित कर कार्रवाई करेंगे।
वायरल वीडियो में मरीज सोनू अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के नया का पुरवा गांव का निवासी है। एक्सीडेंट में सोनू का पैर फैक्चर हो गया। उसे परिजन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल सुल्तानपुर लाए। यहां डाक्टरों ने उसके ऑपरेशन की बात कही। लेकिन मरीज के पास पहले से ही आयुष्मान कार्ड मौजूद था। बावजूद इसके उससे ऑपरेशन के नाम पर छह हजार रुपए लिए गए। रिश्तेदारों आदि से कर्ज लेकर उसने ये रुपए दिए तब ऑपरेशन हो सका।
कुछ ऐसा ही मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के चंदीपुर निवासी राजेश का भी है। सड़क हादसे में ट्रैक्टर चलाते समय उसका दायां पैर फ्रैक्चर हो गया। अस्पताल में ऑपरेशन कर उसके पैर में रॉड डाली गई। इनका आरोप है कि ऑपरेशन से पहले उनसे आठ हजार पांच सौ रुपए जमा कराए गए। लेकिन न कोई रसीद न कोई पर्चा। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पताल में किस तरह की धांधली हो रही है और अस्पताल प्रशासन मौन धारण बैठे हैं। सूत्रों की मानें तो ये उगाही डॉक्टर नहीं बल्कि हॉस्पिटल के जिम्मेदार आधिकारी के निर्देश पर हो रही है। इस बाबत जब सीएमएस डॉ बीबी सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। अगर ऐसा हुआ है तो ये गलत है और फिर वही रटे रटाए जवाब देते हुए कहा कि जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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