उमर ने चली ऐसी चाल कि राष्ट्रपति शासन की ओर जम्मू कश्मीर
श्रीनगर। ज्म्मू कश्मीर में सत्ता किसके हाथों में होगी इसपर फैसला अब तक नहीं हो पाया है। अब तक घाटी में सरकार नहीं बन पाई है। अपने-अपने शर्तों में उलझी भाजपा और पीडीपी में गठबंधन के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं तो वहीं जम्मू कश्मीर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐसा दांव खेला है कि जम्मू कश्मीर राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ता दिख रहा है।
उमर अब्दुल्ला के एक दांव से जम्मू सरकार में नई सरकार गठन की संभावना धूमिल पड़ने लगी हैं। राज्य में राष्ट्रपति शासन के आसार दिखने लगे हैं। राज्यपाल एनएन वोहरा ने भी अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कई सुझावों के साथ एक सुझाव राष्ट्रपति शासन लगाने की भी है।
दरअसल, उमर अब्दुल्ला के कार्यवाहक सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में इस इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। आज उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से मिलकर केयर टेकर सीएम पद छोड़ने की पेशकश की।
ऐसे में उमर के पद छोड़ने के साथ ही राज्य में गवर्नर रुल लागू हो जाएगा। गौरतलब है कि भाजपा के करीबी सूत्रों का कहना है कि 14 जनवरी के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में इस मुलाकात से जम्मू में सरकार गठन को लेकर बड़ा फैसला होने की उम्मीद है।