जम्मू और कश्मीर: कृष्णा ढाबा हमले की साजिशकर्ता की गिरफ्तारी के बाद अनंतनाग में हथियारों का जखीरा बरामद
कृष्णा ढाबा हमले के साजिशकर्ता की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और सेना द्वारा अनंतनाग के जंगलों में आतंकवादियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए चलाए गए सर्च ऑपरेशन में सेना को बड़ी कामयाबी मिली है।
श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में रविवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारती सेना द्वारा चलाए गए एक संयुक्त सर्च ऑपरेशन में आतंकवादियों के एक ठिकाने का भंडाफोड़ किया गया। ठिकाने से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। आपको बता दें कि कृष्णा ढाबा हमले के साजिशकर्ता की गिरफ्तारी के बाद यह कार्रवाई की गई थी।
कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने मीडिया को बताया कि कृष्णा ढाबा हमले के साजिशकर्ता की गिरफ्तारी के बाद अनंतनाग जिले के जंगलों में पुलिस और सेना द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में एक आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ हुआ। ठिकाने से सेना और पुलिस ने तीन एके-56 राइफल, दो चाइनीज पिस्तौल, दो चाइनीज ग्रेनेड, एक दूरबीन, 6 एके मैगजीन, दौ पिस्टल मैग व अन्य सामान बरामद किये हैं।
प्रमुख स्थानों पर बढ़ाई गई सुरक्षा
इसी बीच कश्मीर के आईजी ने क्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों को बढ़ाने के लिए आईजी ने स्थायी बंकरों को स्थानांतरित करने के अलावा ऊंची इमारतों पर स्नाइपर तैनात करने को कहा है। मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों में घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। 19 फरवरी को, एक अज्ञात बंदूकधारी ने श्रीनगर के बारजुल्ला के बागत क्षेत्र में दो पुलिसकर्मियों पर पीछे से हमला किया। इस हमले में दोनों पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी। उसी दिन एक अन्य मुठभेड़ में, शोपियां जिले के बडगाम क्षेत्र में तीन आतंकवादी सहयोगी भी मारे गए थे।
19 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई एक अन्य मुठभेड़ में एक पुलिस कर्मी की जान चली गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया था। बुधवार को, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने श्रीनगर शहर में एक लोकप्रिय भोजनालय के मालिक के बेटे को गोली मार दी और घायल कर दिया। आतंकवादियों ने व्यस्त सोनार इलाके में शाम को 'कृष्णा ढाबा' के मालिक के बेटे आकाश मेहरा को गोली मारकर घायल कर दिया था। यह हमला तब हुआ जब घाटी में आने वाले राजदूतों के प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्र शासित प्रदेश का पूरा सुरक्षा तंत्र पहले से मौजूद था।