नई दिल्ली। भारतीय गोल्फर एसएसपी चौरसिया ने इंडियन ओलंपिक संघ (आइओए) पर आरोप लगाया है कि रियो ओलंपिक 2016 के दौरान उनके साथ नौकर की तरह बर्ताव किया गया था, जिस पर अब तीखा वार किया है रियो में भारत के शेफ डी मिशन रहे राकेश गुप्ता ने।
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चौरसिया के सारे आरोपों को बकवास बताते हुए राकेश गुप्ता ने सवाल किया है कि अगर भारतीय गोल्फर को इतनी परेशानी थीं तो वो पिछले चार महीने से चुप क्यों थे? आखिर वो इतना इंतजार किस लिए कर रहे थे, उन्हें तो तुरंत इस बारे में बात करनी चाहिए थी।
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गौरतलब है कि चौरसिया ने आरोप लगाया था कि रियो में उनके लिए ट्रॉंसपोर्ट की व्यस्था नहीं थी और उनके साथ नौकरों जैसा बर्ताव हुआ था। गु्प्ता ने तस्वीर साफ करते हुए कहा कि रियो में खिलाड़ियों के लिये यातायात सुविधा मुहैया कराना स्थानीय आयोजकों की जिम्मेदारी थी।
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अभिनव बिंद्रा से लेकर लिएंडर पेस तक सभी भारतीय खिलाड़ियों को स्थानीय आयोजक ही खेलगांव लाये थे। वहां पर इंडियन खिलाड़ी टुकड़ों में आए थे। ऐसे में सबको स्पेशली रिसीव करना आसान नहीं है।
चौरसिया बिना सिर-पैर की बातें कर रहे हैं
चौरसिया के बारे में राकेश गुप्ता ने कहा कि मैं उनके ओलंपिक के दौरान हर रोज मिलता था और उस वक्त उन्होंने मुझसे कोई शिकायत नहीं की। यहां तक कि जब हम रियो से वापस आ रहे थे तो भी उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और अब चार महीने बाद वो बिना सिर-पैर की बातें कर रहे हैं तो इस पर क्या कहा जा सकता है।
गोल्फर एसएसपी चौरसिया ने आईओए पर संगीन आरोप लगाए हैं
यहां आपको ये भी बताते चले कि शीर्ष भारतीय गोल्फर एसएसपी चौरसिया ने रियो ओलिंपिक की तैयारियों के लिए आवंटित की गई 30 लाख रुपए की पूरी राशि अभी तक नहीं मिलने के लिए भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) और खेल मंत्रालय पर गुस्सा उतारा था और उसके बाद उन्होंने ये सारी संगीन आरोप लगाए हैं।