नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में भारत के लिए रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधू की मेहनत के पीछे उनके कोच पुलेला गोपीचंद की भी कड़ी मेहनत छुपी हुई थी।
आज पीवी सिंधू की जयकार हो रही है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर पुलेला गोपीचंद को भारत रत्न देने की मांग भी शुरू हो गई है।
गोपी ने ठाना कोच बनकर तैयार करेंगे नए खिलाड़ी
पुलेला गोपीचंद की अकादमी से निकले दो बैडमिंटन खिलाड़ियों ने भारत को दो ओलंपिक में दो पदक जिता दिए हैं। पहले लंदन ओलंपिक में साइना नेहवाल ने कांस्य पदक जीता और अब पीवी सिंधू ने कमाल दिखा दिया है।
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कभी भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी रहे पुलेला खुद भी वर्ष 2000 में ओलंपिक खेलों में पदक जीतने के प्रबल दावेदार थे। पर गोपीचंद ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय पाए। गोपी के साथियों का मानना है कि तभी गोपी ने ठान लिया कि वो कोच बनकर और ज्यादा खिलाड़ी तैयार करेंगे।
वर्ष 2006 में वे राष्ट्रीय कोच बने
वर्ष 2002 में आॅल इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप जीतने के दो साल बाद ही वो कोच बन गए। पुलेला गोपीचंद की ही अकादमी से ही साइना नेहवाल, पीवी सिंधू, किदाम्बी श्रीकांत और परुपल्ली कश्यप जैसे खिलाड़ी तैयार हुए हैं और बाकी खिलाड़ी अपनी बारी आने इंतजार कर रहे हैं। वर्ष 2006 में वे राष्ट्रीय कोच बने थे और इस पद पर बने हुए उन्हें 10 साल का समय हो चुका है।
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सॉफ्ट ड्रिंक का लाखों रूपए का विज्ञापन करने से किया मना
गोपीचंद अपने फैसलों के लिए भी जाने जाते हैं। क्योंकि वैसे फैसले हर कोई नहीं कर पाता है। गोपीचंद वर्ष 2001 में अपना शानदार खेल दिखा रहे थे। तभी एक सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली कंपनी उनके पास एक विज्ञापन का अनुबंध लेकर पहुंची थी।
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पर गोपी ने वो अनुबंध करने से मना कर दिया। गोपी ने उस समय साफ कहा था कि वो कोल्ड ड्रिंक नहीं पीते हैं और नहीं चाहते हैं कि बच्चे इसे पीएं। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक बच्चों के लिए ठीक नहीं है।
पुलेला गोपीचंद को देखकर ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया
गोपी का फिटनेस पर उनका काफी जोर रहता है। गोपी मानते हैं कि कोई भी ट्रेनिंग ऐसी हो जो खिलाड़ी को पूरी तरह से तोड़ दे। गोपी की अकादमी में ही ट्रेनिंग लेने वाले भारत के आज के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत का कहना है कि पुलेला गोपीचंद को देखकर ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया।
घर गिरवी रखकर तीन करोड़ रूपए लगाए
पुलेला गोपी की शादी पीवी लक्ष्मी से हुई है। पीवी लक्ष्मी खुद भी बैडमिंटन की खिलाड़ी रह चुकी हैं और नेशनल चैंपियन भी रही हैं।
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वर्ष 2001 में ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट जीतने पर उन्हें राज्य सरकार ने पांच एकड़ जमीन दी थी। इसी पर उन्होंने अपनी एकेडमी बनाई। एकेडमी के लिए पैसों की कमी पर उन्होंने अपना घर गिरवी रखकर तीन करोड़ रूपए लगाए थे। बाद में अन्य लोगों ने मदद की थी।