लंदन ओलम्पिक-2012
सायना लंदन ओलम्पिक-2012 में महिला एकल वर्ग की कांस्य पदक विजेता रहीं और ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला बैंडमिंटन खिलाड़ी रही हैं।
गोल्डन टाइम
साल 2010 सायना के करियर का गोल्डन टाइम रहा है क्योंकि इसी साल उन्होंने सिंगापुर सुपरसीरीज, इंडोनेशिया सुपरसीरीज, हांगकांग सुपरसीरीज के अलावा इंडिया ग्रांप्री गोल्ड जीता और एशियन चैम्पियनशिप के महिला एकल वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था।
मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति
आज सायना ने अपने खेल से ना केवल हमारे देश का नाम ऊंचा कर दिया है बल्कि लोगों को यह भी जता दिया है कि मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई भी आम इंसान खास बन सकता है।
दादी ने मातम मनाया था
देश की सवासौ करोड़ आबादी की रोल मॉडल के जन्म पर उनकी दादी ने मातम मनाया था। कहते हैं कि सायना की दादी पोता चाहती थीं और इसके चलते वह पोती होने पर खुश नहीं हुई। इस बात से उनकी दादी इतनी खफा थी कि कुछ महीनों तक उन्होंने सायना का चेहरा भी नहीं देखा था।
तू शान है... तू मान है... तू देश का अभिमान है...
लेकिन उन्हें क्या पता था कि एक दिन उनकी पोती उनका और उनके देश का वो नाम रौशन करेंगी जहां पहुंचना हर किसी के बस में नहीं होता है। पूरे देश की ओर से वनइंडिया परिवार भी सायना नेहवाल को जन्मदिन की ढ़ेर सारी बधाई देते हुए कहता है..सायना नेहवाल.. तू शान है... तू मान है... तू देश का अभिमान है.. तूझे हमारा सलाम है.. जन्मदिन मुबारक हो...