नयी दिल्ली। रियो ओलंपिक में भारत की आखिरी उम्मीद पहलवान योगेश्वर दत्त से थी, लेकिन वो उसे पूरा नहीं कर पाएं। आज के मुकाबले के पहले राउंड में मंगोलिया के पहलवान मंदाखनारन गैंजोरिंग के हाथों योगेश्वर हार गए। पहले राउंड में मंगोलिया के रेसलर ने उन्हें 0-3 से हराया।
योगेश्वर के मुकाबले पहले पीरियड में गैंजोरिंग काफी अटैक किए। पहले 30 सेकेंड में ही उन्हें अटैक करने की चेतावनी मिली, लेकिन दत्त ऐसा करने में सफल नहीं रहे और मंगोलिया के रेसलर को एक अंक दे बैठे। पहले पीरियड की समाप्ति पर वो 0-1 से पीछे रह गए।
पहलवान योगेश्वर दत्त की Biography
वहीं दूसरे पीरियड में योगेश्वर कोई खास कमाल नहीं कर सके। गैंजोरिग ने लगातरा अटैक कर 2 अंक हासिल कर लिए और वो 3-0 से आगे हो गए। पीरियड के आखिरी तक वो वाप सी नहीं कर पाए और पहला मुकाबला ही हार बैठे। आपको बता दें कि योगेश्वर दत्त ने लंदन ओलिंपिक में 60 किग्रा भार वर्ग में ब्रॉन्ज जीता था। इस बार वो वो 65 किग्रा भारवर्ग में उतरें थे, लेकिन पदक हासिल करने में कामियाब नहीं हो सके।
योगश्वर भले पहले दौर में हार गए हैं, लेकिन अभी करोड़ों भारतीयों के दिल में कांस्य पद की उम्मीद बची हुई है। दरअसल अगर योगेश्वर को हराने वाले मंगोलियन रेसलर मंदाखनारन गैंजोरिंग फाइनल में पहुंच जाते हैं तो योगेश्वर को एक बार और मौका मिलेगा। इसे रेपचेज कहते हैं। आपको बता दें कि साल 2008 में सुशील कुमार, साल 2012 में योगेश्वर दत्त और साल 2016 में साक्षी मलिक को इसी रेपचेज के तहत कांस्य पदक जीतने का मौका मिला था।