नयी दिल्ली। रियो ओलंपिक 2016 का काउंटडाउन शुरु हो गया है। कुछ घंटों बाद रियो ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी होनी है। लेकिन इससे पहले ऑफिशियल यूनिफॉर्म को लेकर भारतीय महिला एथलीट्स में नाराजगी देखी जा रही है। कुछ महिला खिलाडि़यों ने ड्रेस कोड मे बदलाव की मांग भी की है।
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आपको बताते चलें कि महिला खिलाडि़यों ने साड़ी के उपर ब्लेजर ना पहनने की इच्छा जाहिर की है। खिलाडि़यों ने पूछा है कि साड़ी को ब्लेजर से ढंकवाने का क्या मतलब बनता है? उल्लेखनीय है कि ओपनिंग सेरेमनी के लिए महिला और पुरुष एथलीट्स के लिए एक समान नेवी ब्लू कलर की ब्लेजर होती है।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा साड़ी पर ब्लेजर पहनने से बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखती हैं। गुट्टा का कहना है कि ''साड़ी की खूबसूरती अच्छे ब्लाउज और पल्लू के साथ होती है। इसमें थोड़ा सा पेट दिखता है और थोड़ी सी पीठ। ब्लेजर पहनने से यह लुक छुप जाता है। हो सकता है मैं इसे ना पहनूं। हो सकता है मैं इसे हाथ में लेकर चलूं। मुझे साड़ी पसंद है और मैं इसमें अच्छी दिखती हूं लेकिन ब्लेजर...।''
रश्मि का कहना है कि दुनिया हमारी साड़ी को देखती है और कहती है, बहुत बढि़या। आप इसे छुपाना क्यों चाहते हैं। फिर तो आप टी-शर्ट, स्कर्ट और ब्लेजर पहन सकते हैं। पूरा मकसद ही खत्म हो गया। राष्ट्रीय पोशाक पहनना और देश का प्रतिनिधित्व करना, इस फीलिंग को आप बयां नहीं कर सकते। आपको बता दें कि रश्मि इस बार ओलंपिक में नहीं हैं। वो लंदन ओलंपिक में हिस्सा ले चुकी हैं।
ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान 400 मीटर की वॉक होती है। इस दौरान एक देश के दल पर लगभग 20 सैकंड का कवरेज होता है। इसमें पांच सैकंड ध्वहवाहक पर, तीन सैकंड तिरंगे पर, तीन सैकंड वीआईपी स्टैंड में बैठे लोगों पर, पांच सैकंड बाकी खिलाडि़यों पर और तीन सैकंड का लॉन्ग शॉट। इसके बाद अगले देश का नंबर आ जाता है।
लंदन ओलंपिक में भी साड़ी के उपर ब्लेजर पहनने को लेकर ऐसी ही नाराजगी दिखी थी। उस समय टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा और उनकी डबल पार्टनर रश्मि चक्रवर्ती ने ब्लेजर पहनने के बजाय इसे हाथ में ले लिया था। कई अन्य महिला खिलाडि़यों ने भी ऐसा ही किया था।