
कितने सालों बाद भारतीय टेस्ट टीम की कमान मिली किसी तेज़ गेंदबाज़ को?

भारत और इंग्लैंड के बीच एक जुलाई से बर्मिंघम में खेले जा रहे पहले टेस्ट में रोहित शर्मा की जगह तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह कप्तानी करते नजर आएंगे. रोहित शर्मा का बुधवार को दूसरी बार कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने पर यह फ़ैसला किया गया है.
करीब 35 सालों बाद यह पहला मौका होगा कि कोई तेज़ गेंदबाज़ भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करता नजर आएगा. आखिरी बार तेज़ गेंदबाज़ कपिल देव कप्तान रहे थे. कपिल के 1987 में टेस्ट कप्तानी से हटने के बाद से बुमराह यह ज़िम्मेदारी संभालने वाले पहले तेज़ गेंदबाज होंगे.
बुमराह का टेस्ट कप्तान बनने से भारतीय क्रिकेट में कोई बहुत बड़ा फर्क़ नहीं पड़ने जा रहा है, क्योंकि इस टेस्ट के बाद से रोहित शर्मा फिर से कप्तानी की ज़िम्मेदारी संभाल लेंगे. भविष्य के कप्तान के तौर पर केएल राहुल और ऋषभ पंत को तैयार किया जा रहा है. केएल राहुल के फ़िट नहीं होने के कारण ही बुमराह को टीम की उपकप्तानी सौंपी गई है. इस कारण ही वह कप्तानी की ज़िम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.
टेस्ट कप्तानी में कपिल देव रहे औसत
भारत में पाकिस्तान की तरह कभी तेज़ गेंदबाज़ों को कप्तान के तौर पर विकसित करने पर ध्यान नहीं दिया गया है. यही वजह है कि भारत में ज़्यादातर बल्लेबाज़ों को ही यह ज़िम्मेदारी सौंपी जाती रही है. पाकिस्तान में इमरान ख़ान और वसीम अकरम जैसे तेज़ गेंदबाज़ों के सफल कप्तानी करने से बाद वहां भी लंबे समय तक कोई तेज़ गेंदबाज़ कप्तान के तौर पर नज़र नहीं आया.

एक और वजह यह भी हो सकती है कपिल देव टेस्ट मैचों में कामयाब कप्तान नहीं रहे. वनडे क्रिकेट में उन्होंने ज़रूर टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाने का करिश्मा कर दिखाया था लेकिन उन्होंने जिन 34 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की, उनमें केवल चार में ही वह भारत को जीत दिला सके. हां, इतना ज़रूर है कि उन्होंने 1986 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत को सिरीज़ जिताई थी. इसके अलावा श्रीलंका के ख़िलाफ़ भी सिरीज़ जीती.
एक टेस्ट खेले जाने पर आश्चर्य
वैसे भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमियों इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि इस सिरीज़ में एक टेस्ट क्यों खेला जा रहा है और तीन या पांच टेस्ट की सिरीज़ क्यों नहीं हो रही है. असल में ऐसा है नहीं. साल 2021 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट की सिरीज़ खेलने गई थी. लेकिन बर्मिंघम में खेले जाने वाले टेस्ट से पहले वहां कोरोना के मामले बढ़ जाने पर टेस्ट स्थगित हो गया था.
भारत को इस जुलाई माह में टी-20 और वनडे सिरीज़ के लिए इंग्लैंड का दौरा करना था, इसलिए बीसीसीआई और ईसीबी ने इन सीरीज़ों से पहले इस स्थगित टेस्ट को कराने का फ़ैसला किया था. इस सिरीज़ के स्थगित होने के समय भारत 2-1 की बढ़त बनाए हुआ था. अब भारतीय टीम इस टेस्ट को ड्रा भी करा लेती है तो यह सिरीज़ भारत के नाम हो जाएगी.
इस सिरीज़ में भारतीय पेस गेंदबाज़ों के जलवे की वजह से ही भारत बढ़त बनाने में सफल हो सका था. भारतीय पेस अटैक की अगुआई जसप्रीत बुमराह ने की थी और वह 18 विकेट निकालकर भारतीय गेंदबाज़ों में सबसे सफल रहे थे. बुमराह का मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी ने क्रमश: 14 और 11 विकेट निकालकर अच्छा सहयोग दिया था.
इस सिरीज़ के पहले चार टेस्ट विराट कोहली की कप्तानी में खेले गए थे. इसमें रोहित शर्मा और केएल राहुल के बल्ले की चमक ने भारत का सिरीज़ में दबदबा बनाने में अहम योगदान किया था. रोहित ने एक शतक और दो अर्धशतकों से 368 रन और राहुल ने एक शतक और एक अर्धशतक से 315 रन बनाए. विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने भी इस सिरीज़ में बल्ले से चमक बिखेरी.
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भारत की निगाह चौथी सिरीज़ जीत पर
भारत यदि यह टेस्ट सिरीज़ जीत जाता है तो यह उसकी इंग्लैंड पर उसके घर में चौथी सिरीज़ जीत होगी. भारत ने आखिरी बार टेस्ट सिरीज़ मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में 2007 में 1-0 से जीती थी. इसके अलावा 1971-72 में अजित वाडेकर, 1986 में कपिल देव की अगुआई में सिरीज़ जीती थी.
पर इंग्लैंड इस समय जिस रंगत में खेल रही है, उसे देखते हुए भारत के लिए बर्मिंघम टेस्ट को बचाकर सिरीज़ जीतना आसान नहीं होगा. इंग्लैंड ने पिछले दिनों न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट की सिरीज़ में क्लीन स्वीप किया है. इस सिरीज़ के दौरान जो रूट कप्तानी छोड़ने के बाद ज़बर्दस्त फॉर्म में नज़र आए और उन्होंने दो शतक लगाकर सिरीज़ जितान में अहम भूमिका निभाई. जॉनी बेयरेस्टो भी दो शतक लगाकर रंगत में दिख रहे हैं.
भारत के लिए दिक्कत यह भी है कि वह काफी समय से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेली है. वहीं भारत को सिरीज़ में बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले रोहित शर्मा और केएल राहुल दोनों ही इस टेस्ट में उपलब्ध नहीं हैं. राहुल अपने इलाज के लिए जर्मनी गए हैं. रोहित कोविड का शिकार हो गए हैं. वहीं विराट कोहली काफी समय से फॉर्म में नहीं हैं.
भारत के पक्ष में जाने वाली कोई बात है तो वह है भारतीय पेस तिकड़ी का ज़बर्दस्त फॉर्म में होना है. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज़ तीनों ही गेंदबाज़ क्षमता वाले हैं, उन्हें यदि बल्लेबाज़ ढंग का स्कोर दें तो वह सामने वाली टीम को मुश्किल में डालने का माद्दा रखते हैं. पर इंग्लैंड का पेस अटैक एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की मौजूदगी में बहुत दमदार है. वैसे इतना ज़रूर है कि क्रिकेटप्रेमियों को इस टेस्ट मैच में रोमांचक क्रिकेट ज़रूर देखने को मिलने वाली है.

वनडे और टी-20 में भी होगी टक्कर
भारत को इस सिरीज़ में तीन वनडे और तीन टी-20 मैच भी खेलने हैं. भारत के लिए टी-20 सिरीज़ बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस सिरीज़ से ही भारतीय टीम को इस साल के आख़िर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए टीम को अंतिम रूप दिया जा सकेगा. असल में टीम प्रबंधन ने दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ सिरीज़ में विराट और रोहित जैसे सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया था. इंग्लैंड के ख़िलाफ़ इस टेस्ट मैच के कारण आयरलैंड के ख़िलाफ़ भी युवा खिलाड़ियों की टीम उतारी गई.
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