तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

किदांबी श्रीकांत: जो गुरू गोपीचंद के अनुशासन की आग में तपकर बना कुंदन

इस जीत के पीछे श्रीकांत के साथ एक जादूई आशीर्वाद भी है और वो आशीर्वाद है गुरू गोपीचंद का।

सिडनी। आज भारत के लाल किदांबी श्रीकांत ने विश्वपटल पर एक बार फिर से तिरंगे को इतराने और लहराने का मौका दिया है। श्रीकांत ने मात्र 7 दिनों के भीतर दो ओपेन सीरीज जीतकर एक नया इतिहास लिखा है। गौरतलब है कि श्रीकांत ने पिछले हफ्ते रविवार को इंडोनेशिया ओपेन सीरीज का खिताब अपने नाम किया था और आज उन्होंने आस्ट्रेलिया ओपेन सीरीज के फाइनल में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन और वर्ल्ड नंबर-6 चीन के चेन लांग को 22-20, 21-16 से मात देकर सफलता की एक नई इबादत लिखी है।

ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज: श्रीकांत ने चेन लॉन्ग को 22-20, 21-16 से हराकर खिताब जीताऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज: श्रीकांत ने चेन लॉन्ग को 22-20, 21-16 से हराकर खिताब जीता

इसमें कोई शक नहीं कि इस सफलता के पीछे श्रीकांत की कड़ी मेहनत और दिन-रात की तपस्या है, जिसके चलते आज श्रीकांत ने 'चीन की दीवार' को पार किया है लेकिन इस जीत के पीछे श्रीकांत के साथ एक जादूई आशीर्वाद भी है और वो आशीर्वाद है गुरू गोपीचंद का, जिनके कड़े अनुशासन की आग में तपकर आज श्रीकांत सोना नहीं बल्कि कुंदन बन चुके हैं।

निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी

निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी

गोपीचंद को अपने इस हीरे के बारे में बखूबी पता था तभी तो उन्होंने इसे निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी, एक अच्छे लेकिन सख्त गुरू की तरह उन्होंने श्रीकांत को सारे हूनर बताए जिसका नतीजा आज आपके सामने हैं। सायना नेहवाल, पीवी सिंधु और श्रीकांत गुरू गोपी के ही स्कूल के फूल हैं, जिन्होंने हिंदुस्तान का सीना वाकई मे चौड़ा किया है। आपको जानकर हैरत होगी की गोपीचंद ने अपने हर छात्र के लिए कड़े नियम बनाए हैं।

गोपीचंद बड़े ही सख्त

गोपीचंद बड़े ही सख्त

ट्रेनिंग के मामले में गोपीचंद बड़े ही सख्त हैं। रियो ओलिंपिक से पहले उन्होंने किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु पर तमाम तरह की बंदिशे लगाई थी। हालांकि श्रीकांत रियो ओलिंपिक रियो के क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गए थे लेकिन इसके बाद भी उन्होंने गुरू के बनाए नियमों का सख्ती से पालन किया था।

सिंधु और श्रीकांत के लिए

सिंधु और श्रीकांत के लिए

गोपीचंद ने सिंधु और किदांबी को डोप या तमाम तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए दोनों को बाहर का पानी पीने और मिठाई खाने से मना किया था। सिंधु और श्रीकांत के लिए गोपी ने अपनी नींद में भी कटौती की थी। गोपीचंद अकेडमी में बाहर से खाना नहीं आता है और सारे छात्र प्रोटीन के लिए मांस का सेवन करते हैं।

 हर चीज का सख्ती से पालन

हर चीज का सख्ती से पालन

खाने-पीने-उठने-बैठने से लेकर हर चीज का सख्ती से पालन करने के बाद ही आज भारत के अग्रणी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने रविवार को आस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया। इस खिताबी जीत के साथ ही श्रीकांत ने इतिहास रचा है। वह लगातार दो सुपर सीरीज खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं।

पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी

पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी

यही नहीं, श्रीकांत इंडोनेशिया ओपन जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने थे और अब वह आस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर के 24 साल के श्रीकांत विश्व के नंबर-4 खिलाड़ी चीन शी युकी को 21-10, 21-14 से मात देकर लगातार तीसरी बार सुपर सीरीज के फाइनल में जगह बनाई थी। श्रीकांत यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के महज छठे बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उनसे पहले चीन के लिन डैन, मलेशिया के ली चोंग वी, चीन के ही चेन लांग के अलावा बाओ चुनलाई और सोनी ड्वी कुनकोरो यह रिकॉर्ड कायम किया था।

पांच लाख रुपये का पुरस्कार

पांच लाख रुपये का पुरस्कार

इस जीत से खुश भारतीय बैडमिंटन संघ ने श्रीकांत को पांच लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष हिमंता विस्वास सरमा ने कहा कि संघ को श्रीकांत और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।

Story first published: Tuesday, November 14, 2017, 12:15 [IST]
Other articles published on Nov 14, 2017
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X