निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी
गोपीचंद को अपने इस हीरे के बारे में बखूबी पता था तभी तो उन्होंने इसे निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी, एक अच्छे लेकिन सख्त गुरू की तरह उन्होंने श्रीकांत को सारे हूनर बताए जिसका नतीजा आज आपके सामने हैं। सायना नेहवाल, पीवी सिंधु और श्रीकांत गुरू गोपी के ही स्कूल के फूल हैं, जिन्होंने हिंदुस्तान का सीना वाकई मे चौड़ा किया है। आपको जानकर हैरत होगी की गोपीचंद ने अपने हर छात्र के लिए कड़े नियम बनाए हैं।
गोपीचंद बड़े ही सख्त
ट्रेनिंग के मामले में गोपीचंद बड़े ही सख्त हैं। रियो ओलिंपिक से पहले उन्होंने किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु पर तमाम तरह की बंदिशे लगाई थी। हालांकि श्रीकांत रियो ओलिंपिक रियो के क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गए थे लेकिन इसके बाद भी उन्होंने गुरू के बनाए नियमों का सख्ती से पालन किया था।
सिंधु और श्रीकांत के लिए
गोपीचंद ने सिंधु और किदांबी को डोप या तमाम तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए दोनों को बाहर का पानी पीने और मिठाई खाने से मना किया था। सिंधु और श्रीकांत के लिए गोपी ने अपनी नींद में भी कटौती की थी। गोपीचंद अकेडमी में बाहर से खाना नहीं आता है और सारे छात्र प्रोटीन के लिए मांस का सेवन करते हैं।
हर चीज का सख्ती से पालन
खाने-पीने-उठने-बैठने से लेकर हर चीज का सख्ती से पालन करने के बाद ही आज भारत के अग्रणी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने रविवार को आस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया। इस खिताबी जीत के साथ ही श्रीकांत ने इतिहास रचा है। वह लगातार दो सुपर सीरीज खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं।
पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी
यही नहीं, श्रीकांत इंडोनेशिया ओपन जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने थे और अब वह आस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर के 24 साल के श्रीकांत विश्व के नंबर-4 खिलाड़ी चीन शी युकी को 21-10, 21-14 से मात देकर लगातार तीसरी बार सुपर सीरीज के फाइनल में जगह बनाई थी। श्रीकांत यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के महज छठे बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उनसे पहले चीन के लिन डैन, मलेशिया के ली चोंग वी, चीन के ही चेन लांग के अलावा बाओ चुनलाई और सोनी ड्वी कुनकोरो यह रिकॉर्ड कायम किया था।
पांच लाख रुपये का पुरस्कार
इस जीत से खुश भारतीय बैडमिंटन संघ ने श्रीकांत को पांच लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष हिमंता विस्वास सरमा ने कहा कि संघ को श्रीकांत और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।