रियो डी जेनेरियो। तैराकी में कल एक बड़ा उलटफेर हुआ जब सिंगापुर के जोसेफ स्कूलिंग ने 100 मीटर बटरफ्लाई तैराकी में तैराकी के बादशाह माने जाने वाले अमरीका के माइकल फेलप्स को हरा दिया। इस जीत के साथ ही उन्होंने ओलंपिक में अपने देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। Rio Olympics : पदक से एक कदम दूर इस भारतीय मुक्केबाज ने कहा, भारत लौटूंगा तो स्वर्ण पदक के साथ
अगर फेलप्स इसमें स्वर्ण पदक जीतते तो इस स्पर्धा में यह उनका लगातार चौथा स्वर्ण पदक होता। जोसेफ ने 51.15 सेकंड का समय निकालकर पहला स्थान हासिल किया, जबकि फेलप्स, लाज्लो सेक और चोड ले क्लोस 51.14 सेकंड का समय निकालकर दूसरे स्थान पर रहे।
21 साल के इस शानदार तैराक की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। वनइंडिया आपको इसकी ऐसी उन प्रमुख खूबियों के बारे में बता रहा है जो कि इसे स्पेशल स्विमर बनाती हैं :
1. 2012 में स्पोर्टमैन आॅफ द इयर का खिताब जीतने वाले सबसे युवा तैराक थे। हालांकि, जिस दिन उन्हें यह अवॉर्ड दिया जाना था उस दिन उनका फ्लोरिडा के बोल्स स्कूल में गणित का एग्ज़ाम था और इसलिए वह इस इवेंट में शामिल नहीं हो सके थे।
2. स्कूलिंग के चाचा लॉयड वाल्बर्ग सिंगापुर के पहले ओलंपियन थे जिन्होंने 1948 ओलंपिक गेम में देश की तरफ से हाई जंपिंग में प्रतिनिधित्व किया था।
3. जोसेफ स्कूलिंग का पसंदीदा खाना है कैरट केक और वह इसे बड़े ही चाव से खाते हैं। रियो ओलंपिक राउंडअप : जानिए शुक्रवार को कैसा रहा भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन
4. यह पहली बार नहीं है जब जोसेफ ने माइकल फेलप्स को हराया है। इससे पहले यह 21 वर्षीय तैराक टेक्सास के 100 मीटर बटरफ्लाई के फाइनल में भी फेलप्स को हरा चुका है।
5. 2013 में जोसेफ ने 6 बार के ओलंपिक पदक विजेता रयान लोश्ते को 100 मीटर बटरफ्लाई के फाइनल में हराया था।
6. जोसेफ को फुटबॉल खेलना बहुत पसंद है, फिर चाहे वह वीडियो गेम में हो या फिर वास्तविकता में। चेलेसा उनकी पसंदीदा फुटबॉल टीम है और वह कम्प्यूटर पर फीफा सीरीज बहुत खेलते हैं।
7. रियो ओलंपिक की तैयारी के लिए जोसेफ ने मशहूर ड्रामा सीरीज़ गेम आॅफ थ्रोन्स न देखने का निर्णय लिया था ताकि वह अपने खेल पर फोकस कर सकें।
8. आज से 8 साल पहले जोसेफ की मुलाकात माइकल फेलप्स से हुई थी और वह बचपन में माइकल फेलप्स को ही तैराकी में अपना आदर्श मानते थे।
9. फेलप्स को पछाड़ने के बाद उन्होंने बीबीसी को बताया कि अगर वह स्वर्ण के अलावा कोई पदक जीतते तो यह उनके लिए हार के बराबर होता।
10. जोसेफ के पालन और बेहतरीन तैराक बनने के पीछे उनकी मां का सबसे ज्यादा योगदान रहा है।