नई दिल्ली। टीम इंडिया के अबतक के सबसे सफल कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने T-20 और एकदिवसीय मैचों की कप्तानी छोड़ दी है। कैप्टन कूल के इस अचानक फैसले से फैन्स हैरान हैं और इस खबर पर अबतक यकीन नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि उन्हें राहत सिर्फ इस बात की है कि धोनी ने क्रिकेट को संन्यास नहीं कहा है। इस बीच लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। गावस्कार को खुशी है कि धोनी ने केवल कप्तानी छोड़ी है, संन्यास नहीं लिया। सुनील गावस्कर का मानना है कि धोनी अभी भी टीम इंडिया में खासा योगदान दे सकते हैं।
एनडीटीवी से बातचीत में गावस्कर ने कहा कि अगर उन्होंने एक खिलाडी के तौर पर संन्यास ले लिया होता तो फिर उनकी वापसी के लिए उनके घर के आगे धरने पर बैठने वाला मैं पहला व्यक्ति होता। एक खिलाड़ी के रूप में वह अब भी विस्फोटक हैं। गावस्कर ने कहा कि धोनी एक ओवर में मैच का रुख बदल देते हैं। भारत को एक खिलाड़ी के तौर पर धोनी की खास जरूरत है। मुझे काफी खुशी है कि धोनी ने एक खिलाडी के रूप में बने रहने का फैसला किया। गावस्कर ने कहा कि धोनी के कप्तान नहीं रहने से उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में मदद मिलेगी। तो इसलिए महेन्द्र सिंह धोनी ने अचानक छोड़ी कप्तानी?
गावस्कर ने कहा कि धोनी महान फिनिशर हैं लेकिन वो नंबर चार या पांच पर उतरकर बड़ी पारी खेल सकते हैं। गावस्कर ने कहा कि धोनी के लिए विकेटकीपिंग अब और अधिक आसान हो जायेगी क्योंकि उन्हें अब गेंदबाजी में बदलाव और क्षेत्ररक्षण के बारे में नहीं सोचना होगा। इनसे कई बार आपका ध्यान भंग होता है। गावस्कर के मुताबिक धोनी और कोहली मैदान में एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं और इससे निश्चित तौर पर भारत को मदद मिलेगी क्योंकि धौनी के शांतचित होने से विराट को भी मदद मिलेगी।