जब पाकिस्तान हुआ ढेर, फिर रवि शास्त्री की 'ऑडी 100' पर चढ़ गए सभी खिलाड़ी
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री आज यानी कि 27 मई को 60 साल के हो गए हैं। शास्त्री ने 30 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन उनका जलवा आज भी किसी ना किसी तरीके से क्रिकेट जगत में जारी है। शास्त्री ने देश के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे मैच खेले। इस दाैरान उन्होंने टीम को जीत दिलाने वाला प्रदर्शन भी कई बार किया। हालांकि, 1983 विश्व कप के दो साल बाद उनका ऐसा प्रदर्शन देखने को मिला था, जिसके चलते पाकिस्तान ढेर हुआ था। हिलाजा, शास्त्री को चैम्पियन ऑफ टूर्नामेंट खिताब मिला था। ईनाम में शास्त्री को Audi 100 कार मिली थी, जिसपर सभी भारतीय खिलाड़ी जीत के जश्न में डूबकर चढ़ गए थे।
दरअसल, 'बेंसन एंड हेजेज विश्व चैम्पियनशिप ऑफ क्रिकेट' टूर्नामें 1985 में हुआ था, जिसमें टेस्ट टीम की स्थिति वाली टीम टूर्नामेंट में भाग लेगी। टेस्ट खेलने वाली सात टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया था। ग्रुप ए में विश्व चैंपियन भारत, पाकिस्तान, मेजबान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड शामिल थे, जबकि ग्रुप बी में न्यूजीलैंड, विंडीज और श्रीलंका शामिल थे। भारत इस टूर्नामेंट को जीतने का दावेदार पहले ही माना जा रहा था, क्योंकि टीम ने 1983 विश्व कप का खिताब जीतकर अपना दबदबा बनाया हुआ था। भारत और पाकिस्तान ग्रुप ए से सेमीफाइनल में पहुंचे, जबकि वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड ग्रुप बी से सेमीफाइनल में पहुंचे।
भारत ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंक को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में हराकर फाइनल में प्रवेश किया तो ऊधर पाकिस्तान ने विंडीज को हराकर फाइनल में जगह बनाई। अब ऐसा पहला माैका आया था जब किसी बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान फाइनल में आमने-सामने हुए। फाइनल 10 मार्च 1985 को मेलबर्न में हुआ, जहां फिर सुनील गावस्कर की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 'वर्ल्ड चैंपियनशिप क्रिकेट' की ट्रॉफी उठाई।
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पाकिस्तान को किया था ढेर
फाइनल मुकाबले में जावेद मियांदाद ने टॉस जीता। मियांदाद ने पहले बैटिंग करने का फैसला किया। तेज गेंदबाज कपिल देव ने मैच की शुरुआत में ही पाकिस्तान को 29 रन पर 3 झटके देकर दवाब में ला दिया। दिए। फिर चेतन शर्मा ने रमीज राजा को भी आउट कर पाकिस्तान को और भी मुश्किल में डाल दिया। हालांकि, कप्तान मियांदाद और इमरान खान पारी को संभालने का काम किया। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 68 रन जोड़े। मियांदाद ने सर्वाधिक 48 रन बनाए। अंत में पाकिस्तान की टीम 50 ओवर में 9 विकेट पर 176 रन बना सकी। कपिल देव ने चार विकेट लिए, जबकि लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने 3 विकेट लिए। चेतन शर्मा और रवि शास्त्री भी एक-एक विकेट मिला।
भारत ने आसानी से हासिल किया लक्ष्य
वहीं छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने रवि शास्त्री और कृष्णमाचारी श्रीकांत के दम पर बिना किसी दबाव के रनों का पीछा करना शुरू कर दिया। दोनों ने पहले विकेट के लिए 103 रनों की साझेदारी कर टीम जीत पक्की कर दी। श्रीकांत ने 77 गेंदों में 67 रनों की पारी खेली तो तीसरे नंबर पर आए मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 25 रन बनाए। अंत में, शास्त्री (63) और दिलीप वेंगसरकर (18) ने नाबाद रहते हुए टीम को जीत दिलाई। इसी के साथ भारत ने 'बेंसन एंड हेजेज विश्व चैम्पियनशिप ऑफ क्रिकेट' की चमकदार ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
शास्त्री को मिली 'ऑडी 100' तो...
इस टूर्नामेंट में रवि शास्त्री ने दमदार प्रदर्शन दिखाया, जिसके चलते टीम फाइनल तक पहुंच पाई थी। शास्त्री ने सेमीफाइनल के साथ-साथ फाइनल में भी अर्धशतकीय पारी खेल जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 182 रन बनाए और आठ विकेट लिए। शास्त्री को चैम्पियन ऑफ टूर्नामेंट खिताब मिला था, जिसके साथ ईनाम में उनको Audi 100 कार भी मिली थी। यह कार उस जमाने में थर्ड जरनेशन मॉडल था और इसमें हाई टेक फीचर्स थे। इस कार को देख जहां पाकिस्तानी खेमा देखता ही रह गया तो वहीं भारतीय टीम के खिलाफ इसपर चढ़ गए आैर मैदान के चारों ओर चक्कर लगाने लगे। कोई खिलाड़ी गाड़ी की छत पर बैठ गया तो कोई बोनट पर बैठकर शैंपेन पीता हुआ दिखा। यह पल शास्त्री के लिए बेहद खास रहा था, जिसे वह कभी भूल नहीं सकेंगे। खास बात यह रही कि बाद में, कार को तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री राजीव गांधी के आदेश पर 'कस्टम ड्यूटी' माफ करते हुए शास्त्री को सौंप दिया गया था।