सोशल मीडिया पर धोनी को लेकर उठाए जा रहे सवाल
धोनी को लेकर सोशल मीडिया में उठाए जा रहे इस तरह के सवाल के कई मायने हैं। आईपीएल 2017 में कई ऐसी बातें राइजिंग पुणे सुपराजाइंट के मालिकान और धोनी को लेकर सामने आई जिससे लगा कि उनके बीच सबकुछ ठीक नहीं है। जानिए, आखिर क्या हैं वो वजहें जिसकी वजह से ऐसे सवाल सोशल मीडिया पर उठाए जा रहे हैं...
1- धोनी और राइजिंग पुणे सुपरजाइंट के मालिक के बीच अनबन
आईपीएल 10 के शुरू होने से पहले ही ये बात सामने आई गई थी कि महेंद्र सिंह धोनी और राइजिंग पुणे सुपरजाइंट के मालिक के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। यही वजह रही की धोनी की जगह इस बार राइजिंग पुणे सुपरजाइंट का नेतृत्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ को सौंपी गई। धोनी को टीम में रखा गया लेकिन केवल विकेट कीपर-बल्लेबाज के तौर पर। इसके अलावा पुणे टीम के मालिकान की ओर से धोनी के खिलाफ कई बयान और ट्वीट भी सामने आए। जिससे ये माना जा रहा कि धोनी और पुणे टीम के मालिकान के बीच रिश्ते का असर इस आईपीएल में नजर आया।
2- आईपीएल फाइनल में धोनी की बल्लेबाजी
धोनी को लेकर उठाए जा रहे सवाल के पीछे एक तर्क ये भी है कि इससे पहले उन्होंने जब भी आईपीएल का फाइनल खेला तो उस मैच में धोनी ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इससे पहले के जिस भी फाइनल में अपनी टीम को लेकर गए अपनी पारी से विरोधी खेमे को परेशान किया। इस बार उनके बल्लेबाजी का अंदाज सवाल खड़े करता है।
3- धोनी के गलत शॉट चयन से विकेट गंवाना
महेंद्र सिंह धोनी जिस तरह से आईपीएल 10 के फाइनल में आउट हुए उसको लेकर यूजर्स ज्यादा सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि धोनी ने गलत शॉट का चयन किया, जिसकी वजह से उनका विकेट गिरा। कुछ यूजर्स के मुताबिक धोनी ने जानबूझ कर अपना विकेट विरोधी टीम को गिफ्ट में दिया।
4- धोनी की कप्तानी छिनने को लेकर सवाल
सोशल मीडिया पर धोनी की कप्तानी छीने जाने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर धोनी राइजिंग पुणे सुपरजाइंट टीम के कप्तान होते तो टीम एक रन से नहीं हारती। अगर धोनी के हाथ में कप्तानी होती तो शायद टीम के प्रदर्शन की कहानी कुछ और ही होती।
5- पुणे टीम की रणनीति फाइनल जैसी नहीं...
सोशल मीडिया पर धोनी को लेकर उठाए गए सवाल के पीछे आईपीएल फाइनल में पुणे टीम की रणनीति भी एक वजह रही। यूजर्स के मुताबिक पुणे की टीम ने आईपीएल फाइनल जैसी रणनीति नहीं बनाई थी। पुणे टीम के कप्तान पूरी टीम को साथ लेकर रणनीति बनाने में असफल रहे थे। उनकी योजना अकेले ही फाइनल जीत ले जाने की थी। पूरी सीरीज में उनका प्रदर्शन खास नहीं था। केवल एक मैच में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।