4 खिलाड़ी ही जाने को हुए थे राजी
वहीं क्रिकबज की खबर के मुताबिक मौजूदा श्रीलंका टीम में कुछ ही खिलाड़ी पाकिस्तान में खेलने को तैयार नजर आ रहे हैं। थिसारा परेरा, दिलशान मुनावीरा, अशन प्रियंजन, इसुरू उडाना चार ऐसे खिलाड़ी हैं जो पाक दौरे के लिए तैयार हैं। बाकी के खिलाड़ियों ने बोर्ड को एक लेटर लिखकर इस वर विचार करने को कहा था।
क्या है खिलाड़ियों के डर की वजह
मार्च 2009 में लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में हुए आतंकी हमले में श्रीलंका के छह क्रिकेटर घायल हुए थे। जबकि उनके सुरक्षाकर्मियों सहित आठ लोग मारे गए, जिसके बाद श्रीलंका सरकार ने तुरंत अपनी क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था। इस हमले में श्रीलंका के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा, स्पिनर अजंता मेंडिस के अलावा तिलन समरवीरा, तरंगा परानविताना, सुरंगा लकमल और तिलन तुषारा गद्दाफी स्टेडियम से एक किलोमीटर से भी कम दूर स्थित लिबर्टी चौक पर हुए हमले में घायल हो गए थे। आतंकवादियों ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को ले जा रही लग्जरी बस को उस समय निशाना बनाया जब क्रिकेटर पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के लिए गद्दाफी स्टेडियम जा रहे थे।
श्रीलंकाई खिलाड़ियों को बंधक बनाना चाहते आतंकी
पाकिस्तानी टेलीविजन चैनल डॉन न्यूज ने उस समय सूत्रों के हवाले से कहा था कि आतंकवादी श्रीलंकाई टीम को बंधक बनाना चाहते थे। इसी के तहत वे बस पर गोलियां चलाकर उसे रोकने का प्रयास कर रहे थे। हमले में समरवीरा और परानविताना को गोलियाँ लगीं थीं। इन दोनों खिलाड़ियों को बाद में स्ट्रेचर पर ले जाया गया, जहाँ से वे तीन चिकित्सकों के साथ हेलिकॉप्टर से लाहौर हवाई अड्डे पहुँचे थे।
गोलियां बरपा कर फरार हो गए थे आतंकी
टीवी फुटेज में बंदूकधारियों को बस पर हमला करते हुए और वहाँ से भागते हुए दिखाया गया था। कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हुईं, जबकि कई ग्रेनेड इधर-उधर छितरे हुए थे। लाहौर के पुलिस प्रमुख हबीबुर रहमान ने कहा कि कोई भी हमलावर मारा नहीं गया और किसी को गिरफ्तार भी नहीं किया गया।
12 मिनट तक श्रीलंकाई खिलाड़ियों की बस को घेरे खड़े रहे थे आतंकी
वॉल्वो बस में सवार होकर श्रीलंका की क्रिकेट टीम गद्दाफी स्टेडियम में टेस्ट मैच खेलने जा रही थी। ये बस बुलेटप्रूफ नहीं थी। इस बस को लश्कर ए तैयबा के 12 आतंकवादी कम से कम 12 मिनट तक घेरे खड़े रहे। वो न सिर्फ खड़े रहे बल्कि इस बस पर गोलियां बरसाते रहे लेकिन हैरानी की बात है कि बस में सवार क्रिकेटरों को सिर्फ मामूली जख्म लगते हैं। वहीं बस को घेरने वाला सुरक्षा घेरा गोलियों से छलनी कर दिया जाता है। हैरत ये भी कि बस के ड्राइवर को भी निशाना नहीं बनाया जाता है।
अब खुद श्रीलंका ही पाकिस्तान जाएगी
2009 के आतंकी हमले के बाद जिंबाब्वे की टीम पहली ऐसी इंटरनेशनल टीम रही जिसने पाकिस्तान का दौरा किया था। उसके अलावा किसी टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया। कुल मिलाकर पाकिस्तान में 2009 से कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हुआ। अभी हाल ही में आईसीसी ने वर्ल्ड इलेवन को पाकिस्तान भेजा था। जिसके बाद माना जा रहा है पाकिस्तान में एक बार फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज हो जाएगा। हालांकि अब जब श्रीलंका टीम पाकिस्तान जाने के लिए तैयार हो गई है तो ऐसे में पाकिस्तान दूसरे देशों को बड़ा संदेश देना चाहेगा।