नई दिल्ली। टेस्ट के बाद वनडे और टी-20 क्रिक्रेट में कप्तानी से इस्तीफा देने वाले महेंद्र सिंह धोनी को यह फैसला अपने प्रदर्शन और टीम को ध्यान में रखते हुए लेना पड़ा। एक खिलाड़ी के तौर पर वह अभी भी टीम का हिस्सा रहेंगे। धोनी की मौजूदगी टीम के लिए फायदेमंद होगी ऐसी उम्मीदें हैं लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी उनके भविष्य का फैसला करेगी। इससे यह तय हो जाएगा कि वह 2019 वर्ल्ड कप खेलेंगे या नहीं।
करीब 77 दिन बाद खेलने उतरेंगे धोनी
धोनी ने अचानक यह फैसला क्यों लिया इस पर ना तो बीसीसीआई ने कुछ कहा है और ना ही धोनी की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। कप्तानी छोड़ने के उनके फैसले को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। क्रिकेट के जानकार उनके इस फैसले के पीछे कई कारण गिना रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ होने जा रही मौजूदा सीरीज में धोनी करीब 77 दिनों बाद को मैच खेल रहे होंगे। कहा जा रहा है कि भारतीय टीम चेयनकर्ताओं की समिति की चेयरमैन एमएसके प्रसाद से उनकी नागपुर में झारखंड ट्रॉफी के सेमीफाइनल के दौरान लंबी बातचीत हुई जिसमें उनके भविष्य को लेकर भी योजनाओं पर भी चर्चा की गई।
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धोनी के विकल्प भी टीम इंडिया के पास
धोनी की फिटनेस और उनकी विकेट कीपिंग पर कोई सवाल नहीं उठा सकता लेकिन टेस्ट मैचों में विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया की लगातार जीत और ज्यादा टेस्ट मैच खेले जाने की वजह से भी धोनी को यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसका मतलब यह भी है कि कोहली को चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के लिए करीब ढाई साल का वक्त मिल जाएगा। चयनकर्ताओं का मानना है कि कोई भी खिलाड़ी एक फॉर्मेट से अलग होकर दूसरे फॉर्मेंट में आकर सीधे अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाता। इसके अलावा युवा विकेटकीपर इशान किशन और ऋषभ पंत के उभरने की वजह से भी धोनी पर दबाव था। धोनी के खेल में लगातार यह देखा जा रहा था कि वह उस अंदाज में गेम खत्म नहीं कर पा रहे थे जैसे वह पहले किया करते थे। केएल राहुल भी एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभरे हैं। इनके अलावा पार्थिव पटेल ने भी टेस्ट मैचों में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है।