क्या ऑस्ट्रेलिया में बुमराह जितने बेहतर साबित होते शमी? मैथ्यू हेडन ने दिया आलोचकों को जवाब
नई दिल्ली, 18 सितंबर: मोहम्मद शमी को टी20 वर्ल्ड कप में सिलेक्ट ना करके भारतीय चयनकर्ताओं ने क्रिकेट पंडितों के लिए एक हॉट टॉपिक तैयार कर दिया है। वर्ल्ड कप की टीमों को लेकर ऐसा होता है कि कोई ना कोई खिलाड़ी छूट जाता है या फिर कोई बड़ा खिलाड़ी किसी युवा की जगह पर बाहर बैठता है। अर्शदीप सिंह की जगह पर इस बार मोहम्मद शमी बाहर हैं। हर्षल पटेल भी टीम के अंदर हैं और बुमराह की वापसी हो चुकी है। पर एक अजीब बात यह है कि शमी को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में रखा गया है।
शमी के सितारे बुलंदी पर नहीं लगते
यह भी विडंबना ही है कि शमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जानी वाली सीरीज से बाहर हो चुके हैं क्योंकि वे कोविड की चपेट में आ गए। कुल मिलाकर शमी के सितारे बुलंदी पर नहीं लगते और वे टी20 फॉर्मेट से दूर ही दिखाई दे रहे हैं। शमी को हालांकि वर्ल्ड कप की स्क्वायड में स्टैंडबॉई खिलाड़ी के तौर पर रखा है। ऐसे में शमी को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खिलाने का खास तुक भी नहीं बनता था क्योंकि आप उन्हीं खिलाड़ियों को मैच प्रैक्टिस हासिल करने के मौके देना चाहेंगे जिनको आपने वर्ल्ड कप की टीम में जगह दी है।
गौतम गंभीर का क्या है कहना
भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को लगता है कि शमी को वर्ल्ड कप से पहले खिलाने की गलती टीम नहीं करना चाहेगी क्योंकि इसमें टीम मैनेजमेंट की फजीहत हो सकती है। अगर शमी वर्ल्ड कप से पहले परफॉर्म करने में कामयाब रहे तो और आलोचनाएं होंगी। अगर वर्ल्ड कप गए पेसरों का घरेलू सीरीज में कोई खराब दिन गया तो भी सिलेक्टर कठघरे में आएंगे कि शमी को क्यों नहीं लिया गया। इसलिए गंभीर चाहते हैं कि शमी को तब ही खिलाया जाए जब वर्ल्ड कप जा रहा कोई गेंदबाज चोटिल हो जाए।
मैथ्यू हेडन की साफ बात
इसी दौरान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज मैथ्यू हेडन से जब बात की गई कि क्या शमी वैसा ही प्रभाव छोड़ पाते जैसा की जसप्रीत बुमराह, तो उन्होंने अपना जवाब दिया। हेडन ने कहा कि, क्या शमी के पास ऐसा कुछ सरप्राइज है जो ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ने पहले नहीं देखा हो, या जिसके बारे में वो ना जानता हो? हां, वे कमाल के क्रिकेटर हैं और उनके पास विकेट लेने की क्षमता हैं। लेकिन क्या वो जसप्रीत बुमराह जितने अच्छे साबित होने जा रहे थे? मुझे लगता है आशावादी नजरिए से हम ये सब सोच सकते हैं लेकिन आपको फिर खुद को सही साबित करना होगा।
कुछ ऐसा ही आरोन फिंच के बारे में ऑस्ट्रेलिया टीम में हो रहा है। एक बार आपको अपनी स्क्वायड मिल जाती है, तो वो ही फाइनल है। यही आपकी टीम है और इसके बारे में निश्चित होना चाहिए।
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