पल्लेकल। श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच का दूसरा दिन भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के लिए हमेशा याद रहेगा। पांड्या ने इस मैच में न केवल अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक बनाया बल्कि रिकॉर्ड की झड़ी लगी दी। पांड्या ने इस तूफानी शतक में 7 गगनचुंबी शतक लगाए थे। पांड्या ने महज 96 गेंदों में 8 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 108 रन ठोक डाले। भारत ने ये मैच तीसरे दिन पारी व 171 रनों से जीत लिया। पांड्या की उनकी पहली शतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
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जहां एक तरफ हर कोई हार्दिक पांड्या की तारीफ करने में लगा है तो वहीं दूसरी तरफ खुद पांड्या ने बताया कि उनके इस प्रदर्शन की बदौलत कोई और नहीं बल्कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं।
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मैच के बाद पांड्या ने कहा, "मैंने माही (महेंद्र सिंह धोनी) भाई से सीखा है कि टीम को हमेशा आगे रखना चाहिए और निजी उपलब्धियों को पीछे। मुझे पहली बार 90 में पहुंचकर डर नहीं लगा। मुझे पुराने शतक याद नहीं है। जब मैं बल्लेबाजी करता हूं तो कहीं और ही होता हूं। मैं अपने व्यक्तिगत स्कोर के बारे में नहीं सोचता और इसी से मुझे मदद मिलती है।"
पांड्या ने कहा कि "एक चीज जो मैंने माही भाई से सीखी है कि हमेशा अपनी टीम को आगे रखो, स्कोर बोर्ड को देखो और उसी के मुताबिक खेलो। इसी चीज ने हमेशा मेरी मदद की है।" गौरतलब है कि पांड्या की तारीफ में कप्तान विराट कोहली भी कसीदे पढ़ चुके हैं। विराट ने तो पांड्या को भारत का बेन स्टोक्स बोल दिया था। विराट ने कहा था कि पांड्या के पास इंग्लैंड के धाकड़ ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के जैसा बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा था कि पांड्या भारत के लिए वही कर सकते हैं जो बेन स्टोक्स ने इंग्लैंड के लिए किया।